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नेताजी जासूसी मामला – जांच समिति गठित

 

नई दिल्ली, एजेंसी।

नेताजी सुभाष चंद्र बोस की गुमशुदगी से जुड़े रहस्यों से जल्द मोदी सरकार पर्दा उठा सकती है। इस संबंध बुधवार को केंद्र सरकार ने सरकारी गोपनीयता कानून की समीक्षा के लिए तीन सदस्यों वाली एक अंतर मंत्रालय समिति का गठन किया है। समिति का नेतृत्व कैबिनेट सचिव अजित सेठ करेंगे। समिति में में रॉ, आईबी, गृहमंत्रालय के अलावा पीएमओ के अधिकारी भी होंगे। सूत्रों के अनुसार केंद्र सरकार ने यह फैसला नेताजी से जुड़ी 90 फाइलों को सार्वजनिक करने की मांग के बाद किया है।

सूत्रों के अनुसार, ये समिति फैसला करेगी कि कब और किस रूप में नेताजी से जुड़ी फाइलों को सार्वजनिक किया जाएगा। बताया जा रहा है कि गुरुवार को कमेटी की पहली बैठक होगी और कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर आगे का फैसला तय किया जाएगा। केंद्र सरकार द्वारा समिति बनाने के फैसले से इस बात की अब संभावना बढ़ी है कि मोदी सरकार नेताजी से जुड़े फाइलों को सार्वजनिक कर सकती है।

मोदी ने दिया आश्वासन : नेताजी के पौत्र सूर्य कुमार बोस ने मंगलवार को जर्मनी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी और दावा किया कि नेताजी से जुड़ी सभी गोपनीय फाइलों को सार्वजनिक करने की उनकी मांग पर मोदी ने विचार करने का आश्वासन दिया है। सूर्य ने मोदी के सम्मान में जर्मनी में भारतीय राजदूत विजय गोखले की ओर से आयोजित समारोह में शामिल होने के बाद प्रधानमंत्री से मुलाकात की थी।

इस मुलाकात के दौरान सूर्य ने नेताजी से संबंधित सभी गोपनीय फाइलों को सार्वजनिक करने की मांग की। सूर्य ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया कि दस्तावेजों को जल्द सार्वजनिक किया जाए क्योंकि वह हालिया खबरों से स्तब्ध हैं कि जवाहरलाल नेहरू की सरकार ने नेताजी के परिवार की ‘जासूसी कराई थी। मोदी के जवाब के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा कि मामले को वह ठीक से देखेंगे क्योंकि उन्हें भी लगता है कि ‘सच सामने आना चाहिए। सूर्य ने कहा कि सच सामने आना चाहिए और इसको लेकर एक जांच आयोग का गठन होना चाहिए।

क्या है मामाला : एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, देश के पहले प्रधानमंत्री द्वारा नेताजी सुभाषचंद्र बोस के परिवार की 1948 से लेकर 1968 तक जासूसी कराई गई थी। इस खबर के बाद से नेताजी से जुड़ी फाइलों को सार्वजनिक करने की मांग उठने लगी। गौरतलब है कि नेताजी के रहस्मय ढंग से लापाता होने से जुड़ी फाइलों को केंद्र सरकार ने आज तक सार्वजनिक नहीं किया है। सूत्रों के अनुसार, नेताजी से जुड़ी 160 फाइलें हैं। जिनमें से 58 फाइलें पीएमओ और 25 फाइलें विदेश मंत्रालय के पास है।

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