एजेंसी
लोकसभा चुनावों के ऐलान के साथ ही सट्टेबाजों की सक्रियता भी बढ़ गई है। हालांकि आईपीएल मैचों के दौरान पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई से सबक लेते हुए इस बार वे अधिक सतर्क हैं। सूत्रों के मुताबिक इस चुनाव में करीब 70 हजार करोड़ रुपये का सट्टा लगेगा। सट्टेबाज अभी से चुनावों का आकलन करने और उसके आधार पर रेट तय करने में जुट गए हैं।
देशभर के 12 प्रमुख सट्टेबाजों ने नेपाल में एक बैठक कर आसन्न लोकसभा चुनावों की संभावनाओं पर चर्चा की। नेपाल में बैठक करने का कारण यह था कि वे आईपीएल मैच फिक्सिंग और सट्टेबाजी के मामले में पुलिस कार्रवाई से डरे हुए हैं और कोई बखेड़ा नहीं चाहते हैं। सट्टेबाजों के आकलन के मुताबिक इस बार भाजपा सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरेगी और वह नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनाने में भी कामयाब होगी। सट्टेबाजों ने कहा कि लोकसभा चुनाव में भाजपा के 200 से 215 सीट आने की उम्मीद है। जबकि एनडीए का आकार 230 से 245 सीटों का होगा। इस प्रकार एनडीए 272 सीटों के जादुई आंकड़े से थोड़ा पीछे रहेगा। लेकिन सट्टेबाजों को भरोसा है कि कुछ अन्य दल समर्थन देकर मोदी के नेतृत्व में सरकार बनवा देंगे।
इसी प्रकार 2009 के चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी कांग्रेस इस बार दो अंकों में सिमट जाएगी। उसे इस बार 75 से 80 सीट मिलने की संभावना है। वहीं, यूपीए का कुनबा भी करीब 115 से 125 सीटों पर सीमित हो जाएगा। सट्टेबाज सियासत में नई-नई उतरी और लोकसभा में पहली बार किस्मत आजमा रही आम आदमी पार्टी (आप) के प्रति भी उत्साहित नहीं हैं। उनका कहना है कि तमाम दावों के बावजूद ‘आप’ छह से आठ सीटों पर जीत दर्ज कर सकती है। एक सट्टेबाज ने बताया कि केजरीवाल का दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा पार्टी को संकट में डाल सकता है।
तीसरे मोर्चे को लेकर भी सट्टेबाजों का आकलन बहुत उत्साहजनक नहीं है। उनका कहना है कि तीसरा मोर्चा लोकसभा की 100 सीटों को जीतने में कामयाब होगा।
मोदी बने सटोरियों की पहली पसंद
प्रधानमंत्री पद के लिए लग रहे सट्टे में भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी का नाम सबसे ऊपर है। दूसरे नंबर पर राहुल का नाम है। लेकिन वह मोदी से काफी पीछे चल रहे हैं। हलांकि, सट्टेबाज मुलायम सिंह, ममता बनर्जी, जयललिता और अरविंद केजरीवाल के नाम पर भी सट्टा लागाने का मुहैया करा रहे हैं। दक्षिण दिल्ली के एक सट्टेबाज ने कहा कि गुजरते दिन के साथ मोदी की लोकप्रियता बढ़ रही है। उनके प्रधानमंत्री बनने की संभावना सबसे अधिक है।
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