दिल्ली हलचल
भारतीय रिजर्व बैंक ने मंगलवार को एक आश्चर्यजनक कदम के तहत अपनी प्रमुख ऋण दर – रिपर्चेज दर – यानि रेपो रेट में चौथाई फीसदी की बढ़ोतरी कर दी है, जिसके बाद माना जा रहा है कि सभी वाणिज्यिक बैंक अब अपनी ऋण दरें बढ़ा देंगे। आरबीआई ने हालांकि नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) में कोई बदलाव नहीं किया है, और उसे चार प्रतिशत पर बरकरार रखा है।
रेपो दर, जिस पर वाणिज्यिक बैंक सीमित अवधि के लिए रिजर्व बैंक से ऋण लेते हैं, 7.75 प्रतिशत से बढ़ाकर 8 प्रतिशत कर दी गई है, जिसके कारण रिवर्स रेपो दर, जिस पर रिजर्व बैंक अन्य बैंकों से सीमित अवधि के लिए उधारी लेता है, 6.75 प्रतिशत से बढ़कर 7 प्रतिशत हो गई।
आरबीआई ने मंगलवार को मौजूदा कारोबारी साल की मौद्रिक नीति की तीसरी तिमाही की समीक्षा की घोषणा की, जो पिछले वर्ष सितंबर में रघुराम राजन द्वारा गवर्नर पद संभाले जाने के बाद चौथी समीक्षा है।
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