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नारायण कि कहानी पुलिस की जुबानी

narayanनई दिल्ली, वरिष्ठ संवाददाता,  दिल्ली पुलिस के लिए रेप के आरोपी नारायण साई को पकड़ना खासा मुश्किल और चुनौती पूर्ण रहा। दिल्ली पुलिस ने पत्रकार सम्मलेन में बताया कि अक्टूबर से नारायण सार्ई के पीछे लगी हुई थी और उसे लगभग दो महीने बाद जाकर सफलता मिली। नारायण साई को पकड़वाने में उसका ड्राइवर रमेश पुलिस के सबसे अहम कड़ी साबित हुआ। नारायण के साथ पकड़े गए चार लोगों में से उसका एक साथी नाबालिग बताया जा रहा है।

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच के पुलिस कमिश्नर बीपी सिंह ने बताया कि सूरत पुलिस ने उनसे अक्टूबर में नारायण साई को पकड़ने के लिए मदद मांगी थी। सूरत पुलिस के साथ लंबी बातचीत के पास दिल्ली पुलिस ने कई जगह दबिश दी, लेकिन नारायण उसके हाथ नहीं आया। सिंह ने बताया कि उसके तीन साथी को ही गिरफ्तार किया गया है। हमें जो भी सूचनाएं मिली हैं, उसे वैरिफाई किया जाएगा।
बीपी सिंह ने बताया कि पुलिस की टीम ने अंबाला में गाड़ी को बहुत तेज स्पीड से जाते हुए देखा। हमें गाड़ी को कुरुक्षेत्र के पास पीपली में पकड़ा। नारायण साई और साथियों की पहचान होने के बाद बाकी टीमें वहां पहुंची और उन्हें यहां लेकर आई। पहले दिल्ली पुलिस को सूचना मिली कि नारायण साई पंजाब में छिपा है। फिर हरियाणा में छिपे होने की जानकारी मिली। लेकिन नारायण वहां से भाग गया।
साई के ड्राइवर रमेश के जरिए उसका पता चला, जो दूसरे ड्राइवर विष्णु के संपर्क में था। दिल्ली पुलिस ने नारायण साई का मेडिकल टेस्ट कराने के बाद उसे दिल्ली के रोहिणी कोर्ट में पेश कर दिया है। माना जा रहा है कि कोर्ट साई की ट्रांजिट रिमांड देकर उसे सूरत पुलिस के हवाले कर देगा। सूरत पुलिस की टीम उसे लेने के लिए दिल्ली पहुंच चुकी है।फिलहाल पुलिस इसे अपनी बड़ी कामयाबी मन रही है

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