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बांग्लादेश दौरे पर भारतीय विदेशमंत्री

 

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ढाका,एजेंसी : विदेश मंत्री बनने के बाद पहले आधिकारिक विदेश दौरे पर सुषमा स्वराज आज रात यहां पहुंचीं. दो दिवसीय इस दौरे में वह कल बांग्लादेश के शीर्ष नेतृत्व के साथ भूमि सीमा करार, प्रस्तावित तीस्ता नदी समझौते और अवैध आव्रजन सहित प्रमुख द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा करेंगी.
सुषमा के इस दौरे में न तो कोई समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने हैं और न ही बड़ी अपेक्षाएं हैं. लेकिन ‘सद्भावना दौरा’ कहलाने वाली उनकी इस यात्रा का उद्देश्य द्विपक्षीय संबंधों को आगे ले जाना है जो कि पिछले कुछ सालों से ‘सकारात्मक राह’ पर हैं.
भारतीय पक्ष का कहना है कि वह ‘खरीदारी की सूची’ के साथ नहीं जा रहे हैं और विदेश मंत्री द्विपक्षीय संबंधों की स्थिति की समीक्षा करेंगी तथा यह भी कि आने वाले वषरें में क्या उम्मीदें हैं.
समझा जाता है कि भारतीय प्रतिनिधिमंडल अवैध आव्रजन और बाजार पहुंच जैसे मुद्दे उठाएगा. साथ ही वह इस बात के लिए भी तैयार है कि बांग्लादेश एलबीए और प्रस्तावित तीस्ता नदी समझौते के संवेदनशील मुद्दों को उठाएगा.
महत्वपूर्ण बात यह है कि बीजेपी, तृणमूल कांग्रेस और असम गण परिषद के विरोध के चलते पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार न तो भूमि सीमा करार को औपचारिक रूप दे पाई और न ही बांग्लादेश के साथ तीस्ता जल बंटवारा समझौते पर हस्ताक्षर हो पाए

यहां आने से पहले सुषमा ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को अपने दो दिवसीय दौरे के बारे में बताया. आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, सुषमा ने ‘संपर्क आधार’ पर ममता को फोन किया और अपने दौरे के बारे में बताया. सुषमा की कॉल इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि ममता की पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने पूर्ववर्ती कांग्रेस नीत सरकार को बांग्लादेश के साथ तीस्ता जल बंटवारा संधि पर हस्ताक्षर नहीं करने दिया था.
साल 2011 में ममता कांग्रेस नीत यूपीए की एक सहयोगी थीं. तब वह तीस्ता जल बंटवारा संधि का विरोध करते हुए तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ बांग्लादेश दौरे पर नहीं गई थीं जिसके बाद इस पर विराम लग गया था.
भारतीय विदेश मंत्री सुषमा इस यात्रा के दौरान बांग्लादेश में अपने समकक्ष ए एच महमूद अली के साथ द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा करेंगी और बांग्लादेश के राष्ट्रपति अब्दुल हमीद तथा प्रधानमंत्री शेख हसीना से भी मिलेंगी. वह बांग्लादेश में विपक्ष की नेता और पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया से भी मिलेंगी.

एलबीए को अभी संसद की मंजूरी मिलनी बाकी है. एलबीए का उद्देश्य आबादी के साथ एन्क्लेव्स और प्रतिकूल कब्जे वाले इलाकों की अदलाबदली कर भारत और बांग्लादेश के बीच अंतरराष्ट्रीय सीमा फिर से तय करना है ताकि असंगत भारत..बांग्लादेश सीमा को अधिक प्रबंधन योग्य बनाया जा सके.

विदेश मंत्री बनने के बाद सुषमा पहली बार अकेले विदेश दौरे पर आई हैं. इससे पहले वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहली आधिकारिक भूटान यात्रा पर उनके साथ गईं थीं.

सुषमा के साथ विदेश सचिव सुजाता सिंह और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी दो दिवसीय दौरे में यहां आए हैं. बांग्लादेश के विदेश मंत्री ए एच महमूद अली ने हजरत शाहजलाल अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के वीआईपी लाउंज में सुषमा की अगवानी की.

हवाईअड्डे पर बांग्लादेश में भारतीय उच्चायुक्त पंकज सरन और बांग्लादेश के विदेश सचिव शहीदुल हक भी मौजूद थे. इस बीच, सुषमा के दौरे से पूर्व विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि किसी भी बांग्लादेशी नागरिक के लिए वीजा मुक्त यात्रा पर विचार का कोई प्रस्ताव नहीं है.

उनसे इन खबरों के बारे में पूछा गया था कि विदेश मंत्रालय के कुछ श्रेणी के यात्रियों को वीजा मुक्त यात्रा संबंधी प्रस्ताव को गृह मंत्रालय ने खारिज कर दिया है.

विदेश मंत्रालय ने यह भी कहा कि बांग्लादेश के विदेश मंत्री अली के आमंत्रण पर सुषमा का दौरा करीबी मित्र और पड़ोसी बांग्लादेश के साथ द्विपक्षीय संबंधों को भारत द्वारा दिए जाने वाले महत्व को रेखांकित करता है. इस दौरे में सुषमा विचार समूहों, चैंबर्स ऑफ कॉमर्स तथा औद्योगिक एवं सांस्कृतिक संगठनों के प्रतिनिधियों से भी मिलेंगी।

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