Crime

निशाना जांचने के लिए मार देते थे गोली

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ग्रेटर नोएडा;हलचल  : कासना पुलिस ने ऐसे साइको गिरोह का पर्दाफाश किया है जिसके सदस्य राह चलते किसी को भी गोली मार कर निशाना जांचते थे। पुलिस ने ऐसे तीन सिरफिरों युवकों को गिरफ्तार किया है। इन बदमाशों ने पुलिस को बताया कि वारदात के वक्त निशाना जांचने के लिए राहगीरों को गोली मार देते थे। करीब एक सप्ताह पहले इन्होंने शहर के सेक्टर 36 में गोली मारी थी। सेंट्रो कार लूट ली थी।
कासना कोतवाली के इंस्पेक्टर समरजीत सिंह ने बताया कि बुधवार की सुबह ऐच्छर चौकी इंचार्ज कृष्णवीर सिंह को सूचना मिली कि लूटेरों का एक गिरोह वारदात को अंजाम देने की फिराक में है। कृष्णवीर सिंह और अन्य पुलिस कर्मियों ने तीन लुटेरों को एल्डिगो सोसायटी के गोल चक्कर के पास गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार होने वालों में विपिन नागर उर्फ जेपी निवासी इमलिया, प्रिंस उर्फ चिंकू निवासी घरबरा और दीपक निवासी इमलिया हैं। इनके पास से लूट की एक सेंट्रो कार, तमंचा, दो चाकू और लूटपाट करने में इस्तेमाल की गई पल्सर बाइक बरामद की गई है। विपिन गिरोह का सरगना बताया जा रहा है। उसने निशाना जांचने के लिए सेक्टर 36 में दो लोगों को गोली मारी थी। इससे पहले भी ये तीनों कई लोगों को गोली मार चुके हैं। जिनमें से कुछ खुशकिस्मत बच भी गए। पुलिस सारे मामलों की जांच कर रही है। और तो और इंस्पेक्टर समरजीत सिंह ने बताया कि इस गिरोह ने चंद दिनों में ही एक के बाद एक तीन बड़ी घटनाओं को अंजाम दिया है। जून महीने में एल्फा कमर्शिल बेल्ट में महाराष्ट्र बैंक के सामने डिस्ट्रीब्यूटर से डेढ़ लाख रुपये लूटने का प्रयास किया। उसी दौरान राह चलते एक युवक को गोली मार दी थी। 20 जुलाई को सेक्टर-36 में एक व्यक्ति को गाली मार दी। यहीं से सेंट्रो कार लूट ली थी। 24 जुलाई को सेक्टर-36 के पास इंजीनियर अजय से मोबाइल लूटने का प्रयास किया। अजय ने मामूली विरोध किया तो उसे गोली मार दी थी
दिमागी रूप से बीमार है गिरोह का सरगना
गिरोह का सरगना विपिन है। वह कुछ दिमागी रूप से बीमार है। वह अकसर फिल्मी स्टाइल आजमाता था। पूछताछ में उसने बताया कि उसे असफल होना पसंद नहीं है। अगर कोई विरोध करता था तो, वह बिना किसी डर के गोली मार देता है।
लूटपाट को बना लिया है शौक
पुलिस ने बताया कि आरोपी घर पर नहीं रहते। घर वाले भी उनसे परेशान हैं। किसी की शादी नहीं हुई है। तीनों मौज-मस्ती करने के लिए लूटपट करते हैं। किसी भी तरह की उन्हें टेंशन नहीं है। लूटपट से आने वाले पैसे से मौज-मस्ती करते हैं। पैसे खत्म होने के बाद फिरकिसी घटना को अंजाम देने के लिए निकल पड़ते हैं।

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