नई दिल्लीः आर्मी में भर्ती होने के लिए तैयारी कर रहे नौजवानों के लिए अच्छी खबर है। देश के युवा महीनो महनत करके भर्ती की तैयारी करते है लेकिन जब वे भर्ती स्थल पर पहुंचते हैंl तो वहां पर हजारों की तादात में युवक होते है। जिसकी वजह से युवको को कई बार चोट भी लग जाती है और भीड़ को देखते हुए कई बार पुलिस को लाठी चार्ज करना पडता है। इसाको देखते हुए आर्मी हेडक्वार्टर ने आर्मी में कैडेट्स की भर्ती का पैटर्न जल्द ही बदल सकता है। अगर सरकार आर्मी के प्रपोजल को मान लेती है तो कैंडिडेट्स को फिजिकल से पहले रिटन टेस्ट देना होगा। इसमें क्वालिफाई करने वालों को ही आगे प्रॉसेस के लिए बुलाया जाएगा। भर्ती की प्रक्रिया बदलने से भर्ती रैलियों में भीड़ घटेगी और टाइम के साथ खर्च भी कम होगा। आर्मी हेडक्वार्टर में डीजी मेजर जनरल जे के मरवाल ने बताया कि हमने प्रपोजल सरकार के पास भेजा है। इसमें पहले रिटन और बाद में क्वालिफाइड कैंडिडेट्स को फिजिकल टेस्ट के लिए बुलाने का सुझाव दिया है। फिलहाल भर्ती रैलियों के लिए काफी अरेंजमेंट करने पड़ते हैं। पुलिस को भी काफी महनत करनी पड़ती है। नए पैटर्न से खर्च और टाइम दोनों बचेंगे। दूसरी ओर भीड़ कम होने से आसानी होगी।
फिलहाल भर्ती रैली में शामिल होने पर डॉक्यूमेंट्स की पड़ताल के बाद सबसे पहले फिजिकल टेस्ट होता है। दौड़ और ऊंची कूद पार करने के बाद सिलेक्शन करीब पक्का हो जाता है। इसके बाद सलेक्ट कैंडिडेट्स को रिटन टेस्ट के लिए बुलाया जाता है। इन सभी प्रोसेस को पास करने के बाद ज्वाइनिंग लेटर मिलता है। हालांकि 2015-16 से ही आर्मी ने रैलियों से पहले ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना शुरू किया है। आर्मी देशभर में समय-समय पर कैडेट्स की भर्ती के लिए रैलियां करती है। जिसमें लाखों की तादाद में नौजवान शामिल होते हैं। फिलहाल लंबी कवायद के बावजूद सिर्फ 10% कैंडिडेट्स ही रिटन टेस्ट तक पहुंच पाते हैं। 90% फिजिकल में ही बाहर हो जाते हैं।