भारतीय स्टेट बैंक से लोन लेने के इच्छुक लोगों के लिए निराशाजनक खबर है। देश के इस सबसे बड़े बैंक ने अपनी उधारी दरें 0.20 फीसदी बढ़ा दी हैं। यह बढ़ोतरी गुरुवार से ही प्रभावी हो गई है। इसके साथ ही एसबीआई के होम, ऑटो एवं कंज्यूमर लोन महंगे हो गए हैं।
यह कहा जा सकता है कि रिजर्व बैंक द्वारा पिछले हफ्ते रेपो रेट में की गई बढ़ोतरी का असर अब नजर आने लगा है। माना जा रहा है कि सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र के अन्य बैंक भी भारतीय स्टेट बैंक के नक्शेकदम पर चलते हुए अपने-अपने कर्जों को महंगा कर सकते हैं।
एसबीआई ने अपने बेस रेट अथवा न्यूनतम उधारी दर को 9.80 फीसदी से बढ़ाकर 10 फीसदी कर दिया है। स्टेट बैंक ने इसके साथ ही बेंचमार्क प्राइम लेंडिंग रेट (बीपीएलआर) को भी 0.20 फीसदी बढ़ाकर 14.75 फीसदी कर दिया है।
एसबीआई द्वारा बुधवार को जारी एक वक्तव्य से यह जानकारी मिली है। एसबीआई ने तकरीबन दो माह में दूसरी बार अपनी उधारी दरें बढ़ाई हैं। स्टेट बैंक ने इससे पहले गत सितंबर महीने में अपने बेस रेट को 0.10 फीसदी बढ़ाकर 9.80 फीसदी कर दिया था।
मालूम हो कि आरबीआई ने पिछले सप्ताह रेपो रेट को 0.25 फीसदी बढ़ाकर 7.75 फीसदी कर दिया था जिससे बैंकों की फंड लागत बढ़ गई है। संभवत: इसी बात को ध्यान में रखकर बैंक अब अपनी उधारी दरों में बढ़ोतरी करने लगे हैं।
महज एक दिन पहले यानी मंगलवार को एचडीएफसी बैंक ने अपने बेस रेट को 0.20 फीसदी बढ़ाकर 10 फीसदी कर दिया था। उधर, एसबीआई ने महज कुछ दिन पहले चुनिंदा परिपक्वता अवधि वाली एफडी (फिक्स्ड डिपॉजिट) पर अपनी ब्याज दरें 0.2 फीसदी बढ़ाई हैं।