दिल्ली समाजसेवी अन्ना हज़ारे ने देशवासियों के नाम एक पत्र जारी किया है, जिसमें लोकपाल की माँग को लेकर आँदोलन राय मांगी गयी है ।
अन्ना का पत्र
मा. महोदय,
देश के किसानों के प्रश्न और लोकपाल, लोकायुक्त कानुन में सरकार की धोकाधडी के कारण दिल्ली में जनवरी या फरवरी में आंदोलन शुरू करने हेतू…
23/24 फरवरी 2015 में भूमी अधिग्रहण बिल, जो किसानों पर अन्याय, अत्याचार करनेवाला बिल लाने का निर्णय नरेंद्र मोदी सरकारने लिया था। अगर देश में भूमी अधिग्रहण बिल कानून बन जाता तो किसानों पर बहुत बडा अन्याय होनेवाला था। एक तरफ किसानों को खर्चेपर आधारित खेतीमाल को दाम ना मिलने से देश में किसान आत्महत्या कर रहे है। दुसरी तरफ भूमी अधिग्रहण कानून बनाकर यह सरकार औद्योगिक क्षेत्र की भलाई और किसानों पर अन्याय करने जा रही थी इस कारण हम सभीने दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, राजस्थान जैसे कई राज्यों के किसानों ने मिलकर जंतर मंतर दिल्ली में बडा आंदोलन किया था। जंतर मंतर पर 23/24 फरवरी 2015 को भूमी अधिग्रहण बिल के विरोध में हुए आंदोलन में आप भी शामिल थे। जनशक्ती के दबाव के कारण सरकार को किसानों पर अन्याय करनेवाला भुमी अधिग्रहण बिल वापस लेना पडा। अन्यथा अंग्रेज से भी जादा अन्याय, अत्याचार किसानों पर होना था वह थम गया।
किसानों को खेती पैदावारी पर होनेवाले खर्चे के आधार पर दाम मिलना चाहिए वह नहीं मिल रहे है। इसलिए किसान आत्महत्या कर रहें है इसलिये किसानों के खेती माल के लिए खर्चापर आधारित दाम मिले और जीन किसानों ने अपना सारा जीवन अन्नदाता बनकर जनता के रोटी के लिए दिया है ऐसे किसान की उम्र 60 साल हो गई है। उनके घर में कोई नौकरी नहीं है। खेतीपर निर्भर है। ऐसे किसानों को पेन्शन देना गैर नहीं, उनको पेन्शन मिलनी चाहिए। किसानों के भलाई के लिए और भी कई बातें करनी पडेगी।
देश का भ्रष्टाचार को रोकथाम लगे इसलिए लोकपाल, लोकायुक्त कानून के लिए अगस्त 2011 में पुरे देश की जनता रास्तेपर उतर कर बडा आंदोलन किया था। देश की जनता के दबाव के कारण सरकार को लोकपाल, लोकायुक्त कानून बनाना पडा। जो 45 साल में छें बार संसद में बील लाकर भी पारीत नही हुआ था । कानून बनने के बाद नरेंद्र मोदीजी की सरकार सत्ता में आयी। हम सत्ता में आने से लोकपाल, लोकायुक्त कानून बनवायेंगे ऐसा जनता को मोदी सरकार ने आश्वासन दिया था। इसलिए इस सरकारने कानून का अंमल करना जरूरी था। लेकिन नरेंद्र मोदी सरकारने लोकपाल, लोकायुक्त कानून की धारा 44 में संशोधन करने के बहाने पंतप्रधान विषेश अधिकार सें संसद में बिल लाया और बिना बहस पास कर के उस कानून को पास कर के कमजोर कर दिया।
विशेषतः लोकपाल, लोकायुक्त संशोधन बिल 27 जुलाई 2016 को लोकसभा में रखा। उसी दिन आवाजी मतोंसे पास किया। दुसरे दिन 28 जुलाई 2016 राज्यसभा में रखा। उसी दिन बिल बीना चर्चा राज्यसभा में पास हो गया। तिसरे दिन 29 जुलाई 2016 को राष्ट्रपती महोदयजी के हस्ताक्षर हुए। सिर्फ तीन दिन में कानून बना दिया और लोकपाल, लोकायुक्त कानून को कमजोर कर दिया। यह देश की जनता के साथ धोखाधडी है।
लोकपाल, लोकायुक्त जो जनहित का कानून 5 साल में नहीं होता लेकिन कानून को कमजोर करनेवाला कानून तीन दिन में पास होता है। भ्रष्टाचार मुक्त भारत निर्माण कि बात तो सरकार बार-बार करती है लेकिन इस सरकार की भ्रष्टाचार मुक्त भारत की मन्शा नहीं है यह स्पष्ट दिखाई दे रहा है । तीन साल में सामान्य लोगों के जीवन के साथ जुडे हुए भ्रष्टाचार के प्रश्नपर सरकार ना कुछ बोलते है ना कुछ करते है। देश में जनता को कही पर भी जाये तो पैसे दिए बिना काम नहीं होते। यह देश के हर राज्यों की हालत है इसलिए किसान और लोकपाल, लोकायुक्त बिल को लेकर दिल्ली में जनवरी माह के आखीर में या फरवरी माह के शुरू में आंदोलन करना है। आंदोलन में शामील होने के विषय में आपने एक शपथपत्र भरकर दिया है कि, मै इस आंदोलन में सहभागी है, मै आंदोलन के लिए समय दुंगा। इसलिए आपसे पत्र लिख रहा हूँ कि, लोकपाल,
लोकायुक्त और किसानों के प्रश्न पर दिल्ली में जनवरी आखीर या फरवरी पहीला, दुसरे हप्ते में जो आंदोलन होने जा रहा है उसमें आपकी भूमीका क्या होगी? यह जानने की इच्छा है इसलिए पत्र लिख रहा हुं । दुसरी बात यह है कि, देश के हर राज्यों में ‘भ्रष्टाचार विरोधी जनआंदोलन न्यास’ का संगठन खडा करने के लिए, राष्ट्रीय स्तर पर कोअर कमेटी और राज्यों के हर जिला में शाखाये निर्माण करने कि इस आंदोलन की सोच है। लेकिन यह आंदोलन चारित्र्यशील कार्यकर्ताओं के आधार पर होना जरूरी है। इसलिए स्टँप पेपर पर अफिडेव्हीट कर के देने की तय्यारी कार्यकर्ताओंने करनी है। आंदोलन मे शामिल कार्यकर्ताओं में जितना चारित्र्य और त्याग होगा उतना इस आंदोलन को महत्व प्राप्त होगा।
अभी तक देश के विभिन्न राज्यों से 3 हजार कार्यकर्ताओंने स्टँप पेपर पर इस प्रकार अफिडेव्हीट कर के दिये है। चारित्र्यशील कार्यकर्ताओंका बडा संगठन खडा हुआ तो किसानों का प्रश्न हों या मजदुरोंका प्रश्न हों या शिक्षा क्षेत्र का प्रश्न हों सभी प्रश्नों को आंदोलन के माध्यम से छुट जायेंगे। और किसी से भी झगडे-तंटे ना करते सिर्फ समाज और देश के भलाई के लिए अहिंसा के मार्ग सें जेल में जाने की तय्यारी रख ली तो समाज और देश की भलाई दूर नहीं। महात्मा गांधीजी ने हमे अहिंसा का मार्ग बताया है। जिनके प्रती चरित्र्य और त्याग है ऐसे लोगोंने अहिंसा के मार्ग से जनआंदोलन किया तो जनता के प्रश्न छुटेंगे यह मेरा अनुभव है ।
मेरे पास धन नहीं, दौलत नहीं, सत्ता नहीं। सिर्फ सोने का बिस्तर और खाने का प्लेट इस के अलावा कुछ नहीं है। फिर भी समाज और देश के लिए कुछ कर पाया। हर कार्यकर्ताओंने सोचना है कि, शुद्ध आचार, शुद्ध विचार, निष्कलंक जीवन, त्याग और अपमान सहन करने की शक्ती जीवन में रखी तो देश के लिए बहुत बडा काम कर सकते है।
भ्रष्टाचार विरोधी जन आंदोलन न्यास इस आंदोलन के साथ जुडने के लिए आपने अपना शपथपत्र भरकर दिया है। इस लिए आंदोलन की तरफ से आपको धन्यवाद। चारित्र्यशील कार्यकर्ताओंका आंदोलन हो इसलिए हो सके तो स्टँप पर प्रतिज्ञापत्र भेजने कि बिनती है। ‘भ्रष्टाचार विरोधी जनआंदोलन न्यास’ इस आंदोलन के साथ जुडने के लिए आपके पास ईमेल आयडी, व्हाट्सअप नंबर है तो, हमारेannahazareoffice@gmail.com इस ईमेल आयडी पर भेज दें ताकि, हमे आपके साथ संपर्क बनाये रखने में आसानी होगी। औरwww.facebook.com/KBAnnaHazare/ फेसबुक पेज को लाईक किजीए। मै जल्दी से आंदोलन की जानकारी के लिए ईमेल, फेसबुक, युट्यूब और ब्लॉग के माध्यम से कार्यकर्ताओं के साथ संपर्क बनाते रहूँगा। आपके साथ भी संपर्क रखूँगा। आपके संपर्क में जो कार्यकर्ता है उनके ज्यादा सें ज्यादा ई-मेल आय.डी. हमारे पास भेज दो ताकी उनके साथ हम संपर्क बनाये रखे ।
टिप- आपके परिचय के कोई कार्यकर्ता जो अंग्रेजी पढता है, लिखता है, अंग्रेजी पत्र का हिंदी अनुवाद करता है, हिंदी पत्र का अंग्रेजी अनुवाद करता है ऐसे कार्यकर्ता की आंदोलन के लिए जरूरत है। जो रालेगणसिद्धी में रह सकता है। उनकी रहना, खाने कि सुविधा कि जायेगी। साथ साथ खर्चा के लिए कुछ मानधन भी दिया जायेगा। आप जानते है कि, भ्रष्टाचार विरोधी जन आंदोलन ने कभी विदेश का पैसा नहीं लिया ना किसी उद्योगपतीयों से पैसा लिया है। जनता ने दिए 50/100/200 रुपये जो धनादेश से देते है। उन्ही के आधार से आंदोलन चलाते है। कृपया कोई कार्यकर्ता आपसे परिचीत है तो पत्र लिखकर याannahazareoffice@gmail.com इस ईमेल पर संपर्क करें।
धन्यवाद।
02 नवम्बर 2017
रालेगणसिद्धी
भवदीय,
कि. बा. तथा अण्णा हज़ारे