दरअसल, सोमवार को फैसला सुनाए जाने के बाद बचाव पक्ष ने शिकायत में कहा कि उन्हें इंसाफ नहीं मिला। बचाव पक्ष ने कहा था कि जब तक मकसद साबित नहीं है तो सिर्फ हालात की बिना पर कैसे तलवार दंपती को गुनाहगार ठहराया जा सकता।
उधर, सीबीआई भी मानती है कि उसकी पूरी जांच में दरारें रही हैं। उन्होंने जो कुछ भी मिला उसे कोर्ट के आगे रखते हुए क्लोजर रिपोर्ट दी गई।केस में सीबीआई की ओर से तलवार दंपति के लिए फांसी की सजा की मांग की गई थी। सीबीआई ने अपनी दलील में कहा था कि तलवार दंपति ने केवल आरुषि और हेमराज की न केवल हत्या की गई बल्कि उनके शवों को ब्लेड से काटा भी, इसलिए यह गंभीरतम अपराध की श्रेणी में आता है। लिहाजा उन्हें फांसी की सजा दी जानी चाहिए। वहीं बचाव पक्ष ने कहा कि तलवार दंपति ने अपनी बेटी खोई है, इसके अलावा तलवार परिवार का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है। लिहाजा उनकी सजा में नरमी बरती जाए।
तलवार दंपती इस सुनवाई के दौरान कोर्टरूम में मौजूद हैं। सीबीआई ने दलील दी कि इस दंपती ने खून तो किया ही, सबूत मिटाने की भी हर संभव कोशिश की। इसलिए नूपुर और राजेश तलवार को फांसी से कम सजा नहीं होनी चाहिए। दोषी तलवार दंपती को सीबीआई की विशेष कोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुनाई है।