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AAP ने खारिज की प्रशांत भूषण की राय

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दिल्ली हलचल

आम आदमी पार्टी के सीनियर लीडर प्रशांत भूषण ने एक बार फिर कश्मीर पर बयान देकर विवाद खड़ा कर दिया है आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने अपनी पार्टी के वरिष्‍ठ नेता प्रशांत भूषण के उस बयान से किनारा कर लिया है, जिसमें उन्‍होंने कश्‍मीर में जनमत संग्रह कराने की बात कही थी।उन्होंने कश्मीर में सेना की तैनाती को कश्मीरियों के मानवाधिकारों का हनन बताते हुए कहा कि वहां के लोगों की इच्छा का सम्मान होना चाहिए। सोमवार को पत्रकारों से बात करते हुए केजरीवाल ने कहा- हम जनमत संग्रह कराने की बात से सहमत नहीं हैं, यह प्रशांत भूषण की निजी राय हो सकती है।रविवार को ‘आप’ के वरिष्ठ नेता प्रशांत भूषण कहा था  कि अगर केंद्र में उनकी पार्टी की सरकार बनती है तो कश्मीर में जनमत संग्रह कराया जा सकता है। उन्‍होंने कहा था कि जनमत संग्रह इस बारे में होगा कि क्या वहां की जनता सेना की तैनाती और सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून (एएफएसपीए) चाहती है या नहीं? यह दूसरा मौका है जब भूषण ने कश्मीर में किसी तरह के जनमत संग्रह की बात कही है। इससे पहले 2011 में तो उन्‍होंने कश्‍मीर को अलग करने की बात तक कह डाली थी, जिसका जमकर विरोध हुआ था। बहरहाल, रविवार को ‘आप’ के नेता भूषण ने एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू दिया, जिसमें उन्होंने कहा, ‘जनता से पूछा जाना चाहिए कि क्या कश्मीर की आंतरिक सुरक्षा सेना संभाले या नहीं? जिस फैसले को जनसमर्थन नहीं हो, वह अलोकतांत्रिक है। अगर जनता को लगता है कि सेना मानवाधिकार का हनन कर रही है और सेना नहीं चाहिए तो उसे वहां से हटा लेना चाहिए। इस बारे में जनमत संग्रह होना चाहिए कि घाटी की जनता सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून चाहती है या नहीं?

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