नई दिल्ली: वरिष्ठ संवाददाता : भारत सरकार ने नेल्सन मंडेला के निधन पर शोक व्यक्त किया l नेल्सन मंडेला के सम्मान में पांच दिन के राजकीय शोक का ऐलान किया है। नेल्सन मंडेला को सम्मान देने का फैसला केंद्रीय मंत्रिमंडल की विशेष बैठक में किया गया। दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला के निधन पर शुक्रवार को शोक व्यक्त किया। नस्लभेद विरोधी आंदोलन के प्रणेता मंडेला का दक्षिण अफ्रीका के जोहानसबर्ग में उनके आवास पर निधन हो गया है। वह 95 वर्ष के थे।नेल्सन मंडेला-दृढ इच्छाशक्ति, विश्वास और धैर्य के प्रतीक एवं एक अजीम शख्सियत के रूप में जाना जाता है केंद्रीय मंत्रिमंडल ने रंगभेद के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाले सदी के इस महानायक को श्रद्धांजलि दी। बैठक के बाद सूचना प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने कहा कि मंडेला सिर्फ अपनी पीढ़ी के लिए ही नहीं, बल्कि अब तक की सभी मिसालों में सबसे दिग्गज नेता थे। रंगभेद समाप्त करने में उन्होंने निजी तौर पर जो भूमिका निभाई, वह अतुलनीय है।उनकी कमी को कभी भी पूरा नहीं किया जा सकता है उन्होंने कहा कि 27 साल से अधिक अवधि तक जेल में रहे दक्षिण अफ्रीका के इस नेता ने दुनिया को नैतिक नेतृत्व देने में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।सूचना प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने कहा कि मंडेला के निधन पर पूरा देश दक्षिण अफ्रीका की शोकाकुल जनता के साथ है।मनीष तिवारी ने कहा कि आज कैबिनेट की बैठक हुई, जिसमें नेल्सन मंडेला के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए प्रस्ताव पारित किया गया और तय किया गया कि 6 से 10 दिसंबर तक पांच दिन का राजकीय शोक रखा जाएगा।