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नजफ में फंसे हैं सैकड़ों भारतीय

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बगदाद/नई दिल्ली,एजेंसी | इराक में भारतीयों की हालत बिगड़ती जा रही है। एम्नेस्टी इंटरनेशनल ने शनिवार को दावा किया कि इराक के नजफ प्रांत में सैकड़ों भारतीय कामगार फंसे हुए हैं। उनके मालिकों ने उन्हें पासपोर्ट लौटाने से मना कर दिया है और उन्हें ले जाने वालें एजेंटों ने पल्ला झाड़ लिया है। एम्नेस्टी इंटरनेशनल इंडिया के मुताबिक कामगारों का कहना है कि उन्हें पांच महीने से वेतन नहीं दिया गया है।
और उनका पासपोर्ट भी रख लिया गया है। एक कामगार ने कहा, ‘हिंसा भड़कने से हम डरे हुए हैं और खुद को कंपनी परिसर के दायरे में समेट लिया है। बिना पासपोर्ट के हम देश नहीं छोड़ सकते, और हर गुजरता दिन हमें और खतरा महसूस कराता है। हम सिर्फ घर लौटना चाहते हैं।’ कामगारों ने एमनेस्टी को यह भी बताया कि उन्होंने बगदाद स्थित भारतीय दूतावास को त्राहिमाम संदेश भेजा है।
वहां से जवाब आया है कि एसएमएस के जरिये पासपोर्ट का ब्योरा भेजो। 19 जून को ब्योरा भेज दिया है तब से जवाब का इंतजार है। एक कामगार ने कहा, एजेंट ने आश्वासन दिया है कि आईएसआई का खतरा होने से पहले सुरक्षित जगह पर भेज देंगे। एम्नेस्टी ने सभी हथियारबंद संगठनों से बिना शर्त सभी बंधकों को रिहा करने और नागरिकों पर हमले बंद करने की अपील भी की है।
नजफ के बड़े कारखाने में काम करने वाले एक हजार से ज्यादा भारतीयों में से 28 ने स्वदेश लौटने की इच्छा जताई है। इन्हें वहां से निकालने के लिए भारतीय अधिकारी रविवार को इनके मालिकों से मिलेंगे। ये भारतीय डर की वजह से लौटना चाहते हैं। रोजगार शर्तों के मुताबिक नोटिस अवधि का पालन नहीं करने के कारण इन्हें तय राशि कंपनी के पास जमा करवानी होगी। तब इनका पासपोर्ट इन्हें मिलेगा।
इराक के संकटग्रस्त क्षेत्र में करीब 120 भारतीय हैं। इनमें तिकरित में 46 नर्सें और मोसुल से अगवा 40 कामगार भी हैं। अगवा लोगों में एक भाग आया है जबकि 16 अन्य लोगों को बचा लिया गया है। भारतीय दूतावास को 106 लोगों की जानकारी मिली है। वह 14 लोगों की जानकारी जुटाने में लगा है।