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हफ्ते-दो हफ्ते में मिलेंगे नए बैंक लाइसेंस

The Reserve Bank of India logo is pictured outside its head office in Mumbai
मुंबई, एजेंसी।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया अगले 10-15 दिनों में नए बैंक लाइसेंस दे सकता है। इलेक्शन कमीशन से मंजूरी मिलने के बाद आरबीआई इसका प्रॉसेस कुछ ही दिनों में शुरू कर सकता है। इससे इंडिया पोस्ट बैंक, एलएंडटी फाइनेंस होल्डिंग, इंफ्रास्ट्रक्चर डिवेलपमेंट फाइनेंस कंपनी और जनलक्ष्मी फाइनेंशियल सर्विसेज जैसी कंपनियों में से कुछ के बैंक लाइसेंस हासिल करने की जमीन तैयार होगी और बैंकिंग सिस्टम में कॉम्पिटिशन बढ़ेगा। बैंकिंग लाइसेंस के लिए 25 कंपनियों ने एप्लिकेशन दी है, जिनमें रिलायंस कैपिटल लिमिटेड, आदित्य बिड़ला नूवो और इंडियाबुल्स ग्रुप भी शामिल हैं।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के एक प्रवक्ता ने कहा कि अगले 10-15 दिनों में इसकी उम्मीद की जानी चाहिए। कई हफ्तों के विचार-विमर्श के बाद इलेक्शन कमीशन ने नए बैंक लाइसेंस देने की मंजूरी दी है। अपनी वेबसाइट पर एक पोस्ट में चुनाव आयोग ने लिखा है, ‘आरबीआई बैंक लाइसेंस देने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया एक्ट, 1934, बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट 1949 या किसी अन्य कानून के तहत कदम उठा सकता है।’
आरबीआई इस बार 10 साल बाद नए बैंक लाइसेंस देने जा रहा है। 2003 में उसने यस बैंक को लाइसेंस दिया था और कोटक महिंद्रा को नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनी से बैंक में बदलने की इजाजत दी थी। नए बैंक लाइसेंस के लिए आरबीआई ने 500 करोड़ रुपये डालने की शर्त रखी है। दूसरी कई सख्त शर्तें भी रखी गई हैं। बैंक लाइसेंस पाने वाली कंपनी की ग्रुप एक्टिविटीज के बारे में भी कई दिशानिर्देश जारी किए गए हैं। रिजर्व बैंक डिफरेंशिएटेड बैंकिंग के हक में है। आगे चलकर वह कभी भी बैंक लाइसेंस देना चाहता है। रिजर्व बैंक यह भी चाहता है कि अलग-अलग कैटेगरी के लिए बैंक बनें।
राजन ने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा कि हमें हर 10 साल पर बैंक लाइसेंस नहीं देने चाहिए। इसलिए मेरा मानना है कि पेमेंट या सिर्फ लेंडिंग के लिए आंशिक लाइसेंस दिए जा सकते हैं। इससे बैंकिंग कैपेबिलिटीज बढ़ेगी। आगे चलकर यही कंपनियां फुल बैंकिंग लाइसेंस के लिए अप्लाई कर सकेंगी। राजन ने बैंकिंग लाइसेंस के मामले में चुनाव आयोग से विमर्श करने के अपने कदम को सही ठहराया। हालांकि फाइनेंस मिनिस्टर पी चिदंबरम ने कहा था कि आरबीआई को चुनाव आचार संहिता लागू होने के बावजूद बैंक लाइसेंस देने चाहिए थे। उनके मुताबिक इसके लिए इलेक्शन कमीशन से आरबीआई को मंजूरी लेने की जरूरत नहीं थी।
राजन ने मंगलवार को कहा कि हम बैंकिंग लाइसेंस मामले में किसी विवाद से बचना चाहते थे। इसलिए हमने चुनाव आयोग की इजाजत मांगी। उन्होंने कहा कि अगर बगैर इजाजत के लाइसेंस दिए जाते , तो इसे लेकर राजनीतिक विवाद खड़ा हो सकता था।

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