न्यूयॉर्क। अमेरिकी सिख संगठन अब कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ संशोधित याचिका भी दायर नहीं कर सकता। अमेरिकी डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने सिख्स फॉर जस्टिस (एसएफजे) की याचिका खारिज करते हुए यह फैसला सुनाया। एसएफजे ने 1984 के सिख दंगों के मामलों में सोनिया गांधी के खिलाफ मुकदमा चलाने और उन्हें सजा देने के लिए याचिका दायर की थी।
जज ब्रायन कोगन ने कहा, चूंकि सोनिया गांधी के खिलाफ मामला पिछले माह खारिज किया जा चुका है इसलिए शिकायत में संशोधन के लिए आग्रह करने का कोई आधार नहीं बनता। उन्होंने अपने आदेश में कहा ‘इस मामले में अंतिम निर्णय हो चुका है इसलिए शिकायत में संशोधन के आग्रह का कोई कारण नहीं बनता।
इसके अलावा अगर मामला बंद नहीं हुआ है तो भी वादी ने ऐसा कोई आधार नहीं बताया है जिस कारण शिकायत में संशोधन की अनुमति दी जाए।’ जज कोगन ने पिछले महीने सोनिया गांधी के खिलाफ मानवाधिकार के उल्लंघन संबंधी याचिका खारिज कर दी थी। उन्होंने कहा था कि यह विषय उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं है। लेकिन उन्होंने सोनिया गांधी के वकील रवि बतरा की यह अपील भी ठुकरा दी थी कि एसएफजे पर भविष्य में सोनिया के खिलाफ याचिका दाखिल करने पर रोक लगाई जाए।
बतरा ने कहा, हमने एसएफजे से आग्रह किया था कि कानूनी तौर पर मजबूत फैसले के खिलाफ अपील करे लेकिन वह नहीं माना, अपील तो खारिज होनी ही थी। असल पीड़ित मुकदमा दायर कर सकते हैं ऐसे लोग नहीं जो प्रचार के जरिये दूसरों में झूठी उम्मीदें जगाते हैं। एसएफजे की दलील है कि 1984 में भारत में हुए दंगों के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर मुकदमा चलाया जाए क्योंकि उन्होंने उन दंगों के दोषी कांग्रेसी नेताओं को शरण दे रखी है।