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मंगलवार को सुबह से शुरू हो जाएगा बैसाखी स्नान का पुण्य काल

रुड़की। खरमास के समाप्त होने के साथ ही एक माह बाद 14 अप्रैल से शहनाइयां गूंजेंगी। 14 अप्रैल को बैसाखी स्नान का पुण्य काल सुबह सात बजे से शुरू हो जाएगा। इस बार की संक्रांति का राजा शनि और मंगल मंत्री होने से बारिश की अधिकता रहेगी। इस तरह का योग 1948 में बना था।

वैसे तो बैसाखी का स्नान सोमवार से शुरू हो जाएगा, लेकिन ज्योतिषाचार्यो की मानें तो को वैसाखी स्नान की संक्रांति 14 अप्रैल को सुबह सात बजे से शुरू हो जाएगी। इस दिन स्नान करने के साथ ही भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करनी चाहिए। इस स्नान का भी उतना ही महत्व है, जितना की मकर संक्रांति के स्नान का। आचार्य राकेश कुमार शुक्ल ने बताया कि दोपहर एक बजकर 45 मिनट पर खरमास समाप्त हो जाएगा। इसके साथ ही लग्न कार्य शुरू हो जाएंगे। 13 मार्च के बाद अब 14 अप्रैल से शादियां शुरू हो जाएगी। अगले दो माह तक शादियों की धूम रहेगी। उन्होंने बताया कि 67 वर्षो के बाद ऐसा संयोग बना है जब शनि राजा और मंगल मंत्री बना है। इससे पहले यह योग 1948 में बना था।

उन्होंने बताया कि शनि के राजा और मंगल के मंत्री होने से इस वर्ष बरसात की अधिकता रहेगी।

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