स्मृति की सक्रियता से कांग्रेस में बढ़ी बेचैनी

नई दिल्ली
केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी भले ही गांधी परिवार की ‘घरेलू’ संसदीय सीट अमेठी से कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से चुनाव हार गई हों, लेकिन अमेठी में उन्होंने अपनी सक्रियता बनाए रखने के लिए कमर कस रखी है। वह लगातार अमेठी का दिल जीतने के लिए कई योजनाओं को साकार कराने की कोशिशों में जुटी हैं। ईरानी की इस सक्रियता से कांग्रेस में बेचैनी बढ़ी है।

रणनीति के तहत काम: सूत्रों के मुताबिक, ईरानी की सक्रियता से स्थानीय कांग्रेस वर्कर्स से लेकर दिल्ली तक कांग्रेस के नेताओं और टीम राहुल के कान खड़े हुए हैं। वे लगातार इस मामले पर नजर बनाए हुए हैं। बताया जाता है कि ईरानी भले ही अमेठी से चुनाव हार गईं, लेकिन उन्होंने तय कर रखा है कि वह संसदीय सीट की अच्छी तरह से देखभाल कर राहुल को अगली बार चुनौती देंगी। वह अपने काम के जरिए अमेठी में राहुल के वर्चस्व और प्रभाव को चुनौती देना चाहती हैं। इतना ही नहीं, इसके लिए उन्होंने बाकायदा रणनीति बनाकर अभी से काम करना शुरू कर दिया है।

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