दिल्ली में 60 % तक बढ़ेंगे सर्कल रेट

नई दिल्ली,हलचल।
दिल्ली सरकार ने सर्कल रेट बढ़ाने के प्रस्ताव पर फिर से काम करना शुरू कर दिया है। माना जा रहा है कि अप्रैल में सर्कल रेट बढ़ा दिए जाएंगे। इसी सप्ताह सर्कल रेट बढ़ाने का प्रस्ताव फाइनैंस डिपार्टमेंट और उपराज्यपाल को मंजूरी के लिए भेजा जा रहा है। चुनाव के कारण इस प्रस्ताव पर काम करना बंद कर दिया गया था। दिल्ली के रेवेन्यू सेक्रेटरी धर्मपाल के मुताबिक सर्कल रेट 20 फीसदी से लेकर 60 फीसदी तक बढ़ाए जाने की तैयारी है। सर्कल रेट पर बनी कमिटी ने भी अपनी रिपोर्ट में इतने फीसदी तक बढ़ाने की सिफारिश की है।
धर्मपाल के मुताबिक राजधानी में सर्कल रेट और प्रॉपर्टी के मार्केट रेट के बीच में अभी 200 फीसदी से भी ज्यादा का गैप है। सर्कल रेट बढ़ाने की कवायद इसलिए भी की जा रही है ताकि प्रॉपर्टी में लगने वाली ब्लैक मनी पर कंट्रोल किया जा सके। ए और बी कैटिगरी में सर्कल रेट 60 फीसदी तक बढ़ाए जा सकते हैं जबकि सी व डी कैटिगरी में सर्कल रेट 40 फीसदी व बाकी ई, एफ, जी व एच कैटिगरी में सर्कल रेट 30 से 20 फीसदी तक बढ़ाने की तैयारी है।
सर्कल रेट और मार्केट रेट में काफी गैप होने के कारण दिल्ली सरकार के रेवेन्यू को काफी लॉस होता है। रेवेन्यू डिपार्टमेंट अपने इस रेवेन्यू को पाटने के लिए भी सर्कल रेट बढ़ाने की तैयारी कर रही है। सर्कल रेट के बढ़ने से राजधानी में प्रॉपर्टी की खरीद फरोख्त करना महंगा हो जाएगा। लोगों को प्रॉपर्टी का रजिस्ट्रेशन कराने के लिए ज्यादा कीमत चुकानी पड़ेगी।
सर्कल रेट बढ़ाने के लिए दिल्ली सरकार के रेवेन्यू डिपार्टमेंट ने एक कमिटी का गठन किया था। कमिटी में रेवेन्यू डिपार्टमेंट के अलावा, एमसीडी के प्रॉपर्टी टैक्स डिपार्टमेंट के अधिकारी, डीडीए व एल एंड डीओ डिपार्टमेंट के अधिकारियों को शामिल किया गया था। डिपार्टमेंट का दावा है कि इस बार सर्कल रेट की रिपोर्ट तैयार करने के लिए राजधानी की करीब 250 कॉलोनियों का सर्वे किया गया। हर कैटिगरी में करीब 30 से 50 कॉलोनियों में सर्वे किया गया। प्रॉपर्टी के रजिस्ट्रेशन और सर्कल रेट तय करने के लिए रेवेन्यू डिपार्टमेंट ने कॉलोनियों को 8 कैटगरियों में बांटा है। ये कैटिगरी ए से लेकर एच तक हैं। इससे पहले 2012 में सर्कल रेट बढ़ाए गए थे। ए कैटिगरी में सबसे ज्यादा सर्कल रेट हैं जबकि एच कैटिगरी वाली कॉलोनियों में सबसे कम सर्कल रेट तय किए गए हैं।
दूसरी ओर तमाम लोगों का कहना है कि सर्कल रेट तय करने का तरीका गलत है। रोहिणी को एक ही कैटिगरी में गिना जाता है जबकि यहां पर ऐसी कॉलोनियां हैं जहां प्रॉपर्टी के रेट रोहिणी की पॉश कॉलोनियां के मुकाबले काफी कम हैं, लेकिन प्रॉपर्टी के रजिस्ट्रेशन के वक्त सबको बराबर सर्कल रेट चुकाने पड़ते हैं। ऐसा ही हाल राजधानी के अन्य इलाकों में भी है। इसलिए सर्कल रेट का निर्धारण कॉलोनी के हिसाब और वहां प्रॉपर्टी रेट के मुताबिक होना चाहिए।

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