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जन्म कुंडली के अनुसार भी पहने जाते है रुद्राक्ष

यदि हमारी जन्म कुण्डली में कोई ग्रह अशुभ हो या कोई ऐसासमय आ रहा हो जिसमें शुभ ग्रह अशुभ हो रहा है, तो ऐसेमें रुद्राक्ष हमे सहायता प्रदान करते है। जैसे हम रत्नधारण करते है वैसे ही रुद्राक्ष गले में धारण कर के फल लेसकते है। रत्न धारण मात्र कुछ समय के लिए किया जाता है परन्तु रूद्राक्षसदा के लिए धारण किया जाता है। एक रत्न के साथ दुसरा रत्न सोच समझ करपहना जाता है पर रुद्राक्ष पहनने में कोई ऐसी बात नही होती।

  •  अगर आप की जन्म कुण्डली में सूर्य ग्रह की स्थिति आपकेप्रति शुभ नही है तो आप एक मुखी गोल दाना धारण करने से सूर्य से लाभ ले सकतेहै। जो आपको आत्म विश्वास में वृद्धि,रोग से लड़ने की क्षमता , सरात्मकविचार के साथ साथ नेत्र ज्योति के लिए लाभ देगा।
  • आप दोमुखी रुद्राक्ष धारण करे इस से आपका चन्दमा बलि होगा। मानसिक शांतिमिलेगी एकाग्रता बढ़ेगी। डिप्रेशन से मुक्ति मिलेगी व दाम्पात्य जीवन मेंमधुरता के साथ साथ मन भी स्थिर रहेगा
  • आप को तीन मुखी रुद्राक्षधारण करना चाहिये इस से आपका मंगल ग्रह पुष्ट होगा।शक्ति व प्राक्रम में वृद्धि तो होगी। निर्भरता आयेगी व प्रतिस्पर्धा मेंशुभ परिणाम भी मिलेंगे।
  • बुध की शुभता के लिए चार मुखी रुद्राक्ष धारण कर बुध केप्रभाव को शुभ कर के आप बुद्धि की क्षमता व अपनी तर्क शक्ति को बढ़ा सकते हैव साथ में वाक सिद्धी तो बढ़ेगी और त्वचा से संबंधित रोगों से भी लाभहोगा। यादाशत में बढ़ोतरी भी आपको एक सफल मनुष्य बनायेगी।
  • गुरुग्रह की शुभता पाने के लिए आप पांच मुखी रुद्राक्ष को धारण कर सकते है ।इस से आपकी स्थिति शुभ व स्थाई होगी विद्या व बुद्धि के क्षेत्र में लाभमिलेगा, धार्मिककार्यो में धन, मान के लाभ के साथ मान सम्मान से प्रसिद्धिभी होगी।
  • शुक्र ग्रह के लिए आप छः मुखी रुद्राक्ष धारण करें। छः मुखीधारण करने से आपको शुक्र ग्रह से सम्बन्धित रोगो से निजात मिलेगी। आर्थिकउन्नति के साथ साथ विवाह संबंधी परेशानीयां दूर होकर दाम्पात्य सुखमिलेगा। गुप्त रोगों की चिंताये समाप्त होगी।
  • शनिग्रह की शुभता पाने के लिए सात मुखी रुद्राक्ष धारण करना बहुत ही फायदेमंदरहेगा। इससे आपका शनि बली तो ही होगा साथ में लक्ष्मी जी की पुरी कृपाभी होने लगेगी। व्यवसाय में चार चाँद लग जायेगें । पेट व जोड़ो से संबंधितरोगों से भी छुटकारा मिलेगा। जनता का पूर्ण सहयोग मिलेगा व हर मुसिबतसे निकलने के रास्ते अपने आप बनते जायेगें।

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