मुंबई, एजेंसी मुंबई की सबसे पहली मेट्रो रेल लाइन के उद्घाटन समारोह में न बुलाए जाने से शहरी विकास मंत्रालय खासा नाराज है। खुद शहरी विकास मंत्री ने भी इस मामले में नाराजगी जताई है और मेट्रो के उद्घाटन कार्यक्रम की सूचना और निमंत्रण शहरी विकास मंत्रालय को न भेजे जाने पर नाराजगी जताते हुए मेट्रो लाइन ऑपरेट करने वाली कंपनी से जवाब तलब किया गया है। इसी पत्र की कॉपी महाराष्ट्र सरकार को भी भेजी गई है। इस लाइन के उद्घाटन में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को बाकायदा आमंत्रित किया गया था लेकिन केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय और मंत्री को न तो निमंत्रण भेजा गया और न ही लाइन शुरू होने के बारे में कोई जानकारी दी गई। शहरी विकास मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि इस मेट्रो लाइन का उद्घाटन 8 जून को हुआ था, तब तक नई सरकार का गठन भी हो चुका था, लेकिन मंत्रालय को इस बारे में जानकारी ही नहीं दी गई। पिछले दिनों शहरी विकास मंत्रालय की एक बैठक के दौरान जब मुंबई मेट्रो का जिक्र आया, तब शहरी विकास मंत्री ने अधिकारियों से यह जानकारी मांगी थी कि मुंबई मेट्रो के निर्माण में शहरी विकास मंत्रालय की कोई हिस्सेदारी है या नहीं। अधिकारियों ने कहा कि इस लाइन के लिए भी मंत्रालय ने वीजीएफ यानी वाइबिल्टी फंडिंग गैप के रूप में 462 करोड़ रुपये दिए हैं। मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि शहरी विकास मंत्रालय के जॉइंट सेक्रेटरी सी.के. खेतान ने इसके बाद मुम्बई मेट्रो लाइन वन कंपनी के अधिकारियों को पत्र लिखकर इस बारे में सफाई देने के लिए कहा है। खेतान ने इस पत्र की कॉपी महाराष्ट्र सरकार को भी भेजी है। कंपनी को उद्घाटन कार्यक्रम की जानकारी न देने के लिए कारण बताने के लिए भी कहा गया है। मंत्रालय के अफसरों का कहना है कि हालांकि अब तक कंपनी और महाराष्ट्र सरकार की ओर से इस पत्र का कोई जवाब नहीं दिया गया है।
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