नई दिल्ली, एजेंसी
देश की बाहरी और भीतरी सुरक्षा पर पैनी नजर रखने का ठोस संकेत देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों सेनाओं के प्रमुखों से अलग अलग हर महीने मिलने का निर्णय लिया है।
सैन्य सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री ने पद संभालने के बाद सेना प्रमुखों से हुई अपनी बैठकों में यह मंशा जाहिर कर दी। सेना, नौसेना और वायु सेना के प्रमुखों से पिछले एक महीने में उनकी अलग अलग मुलाकात हो चुकी है और सूत्रों के अनुसार मोदी ने प्रमुखों से हर महीने उनसे मुलाकात करने आश्वासन दिया है।
यह अब तक के प्रधानमंत्रियों की रवायतों से अलग हटकर लिया गया फैसला है। अभी तक प्रधानमंत्री सैन्य प्रमुखों से जरूरत के आधार पर मिलते रहे हैं। दूसरी ओर सैनय प्रतिष्ठान की यह शिकायत रही है कि सरकार के अहम फैसलों में उनकी भूमिका बहुत सीमित रही है। प्रधानमंत्री की इस नई पहल से इस शिकायत का बहुत हद तक समाधान होने की आशा जाहिर की जा रही है।
नरेंद्र मोदी सरकार के पहले एक महीने में यह स्पष्ट हो चुका है कि सरकार सैन्य बलों और उनके जुडे मामलों को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। आजादी के बाद शहीद हुए सैनिकों को नमन करने के लिए राष्ट्रीय युद्ध स्मारक के निर्माण से लेकर ‘समान रैंक, समान पेंशन’ के मामले तक और प्रधानमंत्री की विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य पर सवारी से लेकर रक्षा मंत्री अरुण जेटली की कश्मीर यात्रा तक से यह बात जाहिर है कि सेना से जुडे मामलों को नई सरकार खास तवज्जो दे रही है।