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नीतीश कटारा हत्‍याकांड: दोषियों की सजा बरकरार

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नई दिल्ली,दयाल सिंह ।

नीतीश कटारा हत्याकांड में आज दिल्ली हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए दोषियों की सजा बरकरार रखी है। इससे पहले निचली अदालत ने विकास यादव, विशाल यादव और सुखदेव पहलवान को अपने फैसले में दोषी करार दिया था। दोषियों ने अदालत का रुख सजा के खिलाफ किया था। वहीं नीतीश की मां नीलम कटारा ने हाईकोर्ट से उम्रकैद को फांसी में तब्दील करने की मांग की है।

12 साल एक महीने पहले हुए नीतीश कटारा कत्ल के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने आज अपना फैसला सुनाया है। 24 साल के नीतीश कटारा को उस प्यार की कीमत जान देकर चुकानी पड़ी, जिसे भारती यादव ने अदालत में कभी स्वीकार ही नहीं किया। बावजूद इसके निचली अदालत में ये साबित हो गया कि नीतीश कटारा ऑनर किलिंग की भेंट चढ़ गया। और 17 फरवरी 2002 को नीतीश की जिंदगी भारती के भाई विकास यादव, विशाल यादव और सुखदेव पहलवान ने मिलकर छीनी।

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नीतीश कटारा हत्‍याकांड: दिल्ली हाईकोर्ट 25 अप्रैल को सजा की मात्रा से संबंधित जिरह पर सुनवाई करेगा
 

नीतीश कटारा हत्‍याकांड मामले में बरकरार दोषियों की सजा
नई दिल्ली, लाइव हिन्दुस्तान टीम
First Published:02-04-14 09:07 AM
Last Updated:02-04-14 11:19 AM
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नीतीश कटारा हत्याकांड में आज दिल्ली हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए दोषियों की सजा बरकरार रखी है। इससे पहले निचली अदालत ने विकास यादव, विशाल यादव और सुखदेव पहलवान को अपने फैसले में दोषी करार दिया था। दोषियों ने अदालत का रुख सजा के खिलाफ किया था। वहीं नीतीश की मां नीलम कटारा ने हाईकोर्ट से उम्रकैद को फांसी में तब्दील करने की मांग की है। 12 साल एक महीने पहले हुए नीतीश कटारा कत्ल के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने आज अपना फैसला सुनाया है। 24 साल के नीतीश कटारा को उस प्यार की कीमत जान देकर चुकानी पड़ी, जिसे भारती यादव ने अदालत में कभी स्वीकार ही नहीं किया। बावजूद इसके निचली अदालत में ये साबित हो गया कि नीतीश कटारा ऑनर किलिंग की भेंट चढ़ गया। और 17 फरवरी 2002 को नीतीश की जिंदगी भारती के भाई विकास यादव, विशाल यादव और सुखदेव पहलवान ने मिलकर छीनी। यूपी के दबंग राजनेता डीपी यादव के रसूख ने मामले पर खासा असर डाला। इसका अंजाम ये हुआ कि अपने बेटे की मौत पर इंसाफ के लिए नीलम कटारा को दर-दर की ठोकरें खानी पड़ीं। मीडिया ने भी शायद पहली बार किसी मामले को इस कदर उठाया और डीपी यादव के बेटों को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया। सियासी रसूख की आखिरकार हार हुई और निचली अदालत ने अभियुक्त विकास और विशाल को 30 मई, 2008 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई, जबकि सुखदेव पहलवान को निचली अदालत ने 23 जुलाई, 2011 को सजा सुनाई। तीनों दोषियों ने फैसले को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी। वहीं नीतीश की मां नीलम कटारा ने भी याचिका दाखिल कर अभियुक्तों के लिए फांसी की सजा की मांग की।

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