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गलत आकड़ें न दिखाए सरकारी बैंकः रघुराम राजन

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मुंबई,एजेंसी।
सरकारी बैंकों की हर वित्त वर्ष के अंत में अपने प्रदर्शन लक्ष्यों को हासिल करने के लिए बढ़-चढ़कर दिखावा करने की कड़ा आलोचना करते हुए रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने मंगलवार को कहा कि केंद्रीय बैंक भविष्य में ऐसे बैंकों को उनकी गलत नीतियों के लिए राहत प्रदान नहीं करेगा।

राजन ने द्वैमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा के बाद संवाददाताओं से कहा कि साल का अंत बैंकिंग प्रणाली में आसाधारण बदलाव का नहीं होना चाहिए बल्कि काम सहज तरीके से होना चाहिए। उल्लेखनीय है कि आज जारी मौद्रिक नीति की समीक्षा में मुख्य दरों को अपरिवर्तित रखा गया है।

उन्होंने कहा,’मुझे नहीं लगता कि आरबीआई को नकदी के जरिए बैंकिंग प्रणाली को राहत प्रदान करना चाहिए जबकि बैंकिंग प्रणाली खुद अपने लिए समस्या पैदा कर रही है।’ उन्होंने कहा,’साल के अंत में बैंक विभिन्न वजहों से अपने तुलना पत्र को ठीक करने की कोशिश करते हैं।’

कुछ बैंक जोखिम वाली परिसंपत्तियां घटाते हैं ताकि उनकी पूंजी की जरुरत कम की जा सके जबकि कुछ सरकारी बैंक सरकार द्वारा तय निष्पादन लक्ष्य को पूरा करने के लिए अपनी परिसंपत्तियां बढ़ा लेते हैं। राजन ने कहा कि बैंक द्वारा किए गए ऐसे समायोजन से विभिन्न बाजार खंड प्रभावित होते हैं और फरवरी से ही जमा प्रमाणपत्र के मामले में उतार-चढ़ाव शुरु हो जाता है जिस पर दीर्घकालिक रीपो के जरिए दीर्घकालिक नकदी में सुधार कर रिजर्व बैंक को नियंत्रण करना पड़ा।

राजन इस संवाददाता सम्मेलन के बाद बैंकरों से मुलाकात करने वाले हैं। उन्होंने कहा कि वह इस मामले पर बैंकों से बातचीत करेंगे जिसमें साल के अंत में नकदी की स्थिति में गड़बड़ी पर ध्यान दिया जाएगा। उन्होंने कहा,’हमें ऐसी स्थिति में नहीं आना चाहिए जहां बैंक अपना तुलनापत्र ठीक रखने के लिए एक दूसरे को लोन नहीं दे रहे हैं। साल का अंत ऐसा नहीं होना चाहिए जहां कुछ अलग होने लगे, सहजता से काम होना चाहिए।’

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