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हर्षवर्धन कि योग्यता पर कांग्रेस ने उठाये सवाल

नई दिल्ली कांग्रेस व भाजपा में शुरू हुए आरोप-प्रत्यारोप की कड़ी में कांग्रेस ने मंगलवार को भाजपा के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार डा.हर्षवर्धन की योग्यता पर सवाल उठाए हैं.
शीला सरकार के मंत्री अरविन्दर सिंह लवली, राजकुमार चौहान व हारून यूसुफ ने कहा कि डा.हर्षवर्धन के स्वास्थ्य मंत्री रहते दिल्ली में न केवल जहरीले ड्रॉप्सी से 60 लोगों की मौतें हुई थीं बल्कि 400 लोगों की मौत डेंगू से हो गई थी. उन्होंने कहा कि डा.हर्षवर्धन के शिक्षा मंत्री रहते सीबीएसई दसवीं का परिणाम मात्र 38 प्रतिशत था.
शीला कैबिनेट के तीनों मंत्रियों के अलावा प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता जीतेन्द्र जीतू ने एक संयुक्त पत्रकार वार्ता में भाजपा के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार डा.हर्षवर्धन को निशाना बनाया. लवली ने कहा कि जिस पार्टी के सत्ता में आने से पहले ही मुख्यमंत्री के कई दावेदार हैं उस पार्टी के सत्ता में आने के बाद कितने मुख्यमंत्री बदले जाएंगे इसका अंदाजा लगाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि भाजपा अपने विज्ञापनों में पल्स पोलियो की सफलता का श्रेय तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री रहे डा. हर्षवर्धन को दे रही है जबकि स्वास्थ्य मंत्री के रूप में रिकॉर्ड बेहद निराशाजनक रहा है. उनके कार्यकाल में जहरीली ड्रॉप्सी तेल से 60 लोगों की मौत हुई और डेंगू के 10 हजार मामले सामने आए जिनमें 400 लोगों की जान गई.
उन्होंने कहा कि 1993 से पहले दिल्ली में 18 अस्पताल थे और 1998 में उनके शासन काल तक 18 ही अस्पताल रहे. भाजपा ने एक भी अस्पताल नहीं बनवाया जबकि कांग्रेस ने 15 साल के कार्यकाल में 21 अस्पताल बनाए और अस्पतालों की संख्या बढ़कर 39 हो गई. इनमें से 5 सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल हैं. उन्होंने कहा कि उस दौरान सीबीएसई की 10वीं कक्षा का परिणाम 38 प्रतिशत था जो दिल्ली में सबसे कम रहा जबकि आज कांग्रेस के शासन में 97 प्रतिशत रहा.
राजधानी में प्याज की कीमतों से संबंधित एक सवाल के जवाब में हारून यूसुफ ने बताया कि आज दिल्ली में 112 वैन 50 रुपये की दर पर प्याज बेच रही हैं. डीपीसीसी के प्रवक्ता जितेन्द्र कोचर ने कहा कि भाजपा के होर्डिंग में न तो प्रकाशक का नाम है, न प्रिंटर का नाम और न ही किसी का फोन नम्बर है और न ही उनकी तादाद दी गई है जो आचार संहिता का उल्लंघन है, उन्होंने कहा कि आचार संहिता का उल्लंघन करने के लिए मोदी और श्री हर्षवर्धन के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए.

 

 

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