दिल्ली हलचल,वरिष्ठ संवाददाता l चुनाव आयोग ने फर्जी वोटरों को पकड़ने के लिए इस बार एक खास व्यवस्था की है। इसके तहत कोई भी शख्स फर्जी वोटर को पकड़वा सकता है।
अगर आपको लगता है कि पोलिंग बूथ पर कोई फर्जी वोटर वोट डाल रहा है तो इसके लिए बस दो रुपये शुल्क जमा कर के उसकी वैधता और सत्यता को चैलेंज किया जा सकता है।
यही नहीं चेक कराने वाले की गोपनीयता को बनाए रखा जाएगा। यानी अगर आप यह नहीं बताना चाहते हैं कि जिसकी शिकायत आप कर रहे हैं, या जिसका जांच आप कराने जा रहे हैं, वह आपका नाम जाने तो आयोग इसे गोपनीय रखेगा।
जैसे ही कोई वोटर या फिर कोई शख्स किसी भी व्यक्ति पर शंका जाहिर करते हुए उसकी सत्यता और वैधता की जांच के लिए दो रुपये का शुल्क जमा करेगा, तुरंत पीठासीन अधिकारी सक्रिय हो जाएंगे और उस वोटर की छानबीन शुरू कर देंगे।
अभी तक ऐसा होता रहा है कि अगर किसी वोटर की आईडी स्पष्ट नहीं है तो एजेंट वोटर को फर्जी बताकर वोट डालने से वंचित करवा देता था। लेकिन अब ऐसा संभव नहीं हो सकेगा।
वोट डालने के लिए बूथ पर पहुंचे किसी भी वोटर की आईडी में फोटो आदि स्पष्ट नहीं है, तो भी उसे फर्जी बताना एजेंट के लिए आसान नहीं होगा। एजेंट का मौखिक आरोप पीठासीन अधिकारी नहीं मानेंगे। इसके लिए आरोप लगाने वाले को दो रुपये चैलेंज शुल्क जमा करना होगा।
आपकी शिकायत पर हुई छानबीन में अगर वोटर वास्तव में फर्जी निकला तो फर्जी वोटर की जांच के लिए शुल्क के तौर पर दिए गए आपके दो रुपये भी आपको वापस कर दिए जाएंगे।
दरअसल, फर्जी वोटर की शंका जाहिर करते हुए जब आप दो रुपये को शुल्क जमा करेंगे तो पीठासीन अधिकारी आपको एक रसीद देगा। वोटर फर्जी निकलने पर यह रसीद दिखाकर अपने पैसे वापस पाए जा सकते हैं।
आपके अच्छी बात ये है कि आप के द्वारा की गई शिकायत पर छानबीन के बाद वोटर फर्जी नहीं निकला तो आपको परेशान होने की बिल्कुल जरूरत नहीं है। आपके साथ बस इतना होगा कि आपने जो दो रुपये शुल्क के तौर पर दिए हैं, वह जब्त कर लिए जाएंगे। चुनाव आयोग ने ऐसे निर्देश दिए हैं।
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