- रुद्राक्ष को पहनने से रक्त चाप व ह्रदय दुर्वलता यानि ह्रदय गति रुकने से मौत का भय समाप्त हो जाता है।
- रूद्राक्ष पहनने से अकाल मुत्यु या किसी भी प्रकारकी दुर्घटना के भय से मुक्ति मिलती है। रुद्राक्ष के छोटे मनको की मालाधारण करने से किसी भी प्रकार का रोग व मानसिक रोग जल्द ठीक हो जाते है।
- यदि कोई जातक भूत प्रेत नजर दोष सेपीडि़त है तो उसे चाहिये की एक पांच मुखी रुद्राक्ष लेकर उस पर रेशमी काला धागा लपेट कर बिना बताये उस पीडि़त के सिर के ऊपर से वार कर शाम के समय अधेरा होने लगे तो उसे चुराहे पर रख दें यहकार्य रविवार को करें। रोगी ठीक होने लगेगा।
- पितृ पक्ष के शुरूसे लेकर अंत तक बारीक रुदाक्ष माला पर लगातार सुबह शाम 15 दिन पाठ पुजा करके बाद में आमवस्या के दिन गले में धारण करने से पितृ दोष की समस्या का निवारण हो जाता है इसे सदा गले में पहने रखें।
- दो तीन व पांच मुखीरुद्राक्ष को रात भर पानी में पड़ारहने दे उसके बाद सुबह उठ कर उस पानी से स्नान करें । ऐसा लगातार करने से किसी भी प्रकार का चर्म रोग समाप्त हो जाता है।
- यदि दसमुखी रुद्राक्ष को दूधके साथ घिसकर खांसी के रोगी को दिन में तीन बार चटाए तो खांसी जड़ से नष्ट हो जाती है।
- चार मुखी रुद्राक्ष को दूध में उबल कर बीस दिन तक पीने से मन और मस्तिष्क के सभी रोग दूर होते है। यदिस्मरण शक्ति क्षीण हो तो यह रुद्राक्ष परम हितकारी है।
- गले में केवल एक या तीन रुद्राक्ष धारण करने से गले में टांसिल्स नही बढ़ते,दन्त की पीड़ा नही होती तथा स्वर काभारीपन समाप्त हो जाता है।
- उच्च या निम्नरक्तचाप के रोगियों के लिए तो यहवरदान स्वरुप है। यह रक्त चाप को नियंत्रित रखता है रोगी के शरीर की अनावश्यक गर्मी को अपने में खिंचकर बाहर फेंकता है जिससे मन को असीम शांति मिलती है तथा रक्तचाप नियंत्रित रहता है।
- प्रदर , मूर्च्छा , हिस्टीरिया आदि स्त्री रोगों में छः मुखी रुद्राक्ष धारणकरने से इन रोगों से छुटकारा मिलता है।
- रुद्राक्ष के दाने को पानी में घिसकर विषाक्त फोड़ो पर लेप करने से फोड़े ठीक हो जाते है। रुद्राक्ष कोब्राह्मी तथा आंवला के साथ घिसकर पीने सेपुराने अनिद्रा रोग में लाभ होता है।
- पित के रोग से बचने के लिए रुद्राक्षको पत्थर पर घिसकर गाय के दूध में मिलकर पीने से लाभ होता है।
- गिल्टी पर रुद्राक्ष बांधने से तीन सप्ताह में गिल्टी खत्महो जाती है।
- मानसिक तनाव दूर करने के लिए रुद्राक्ष धारण करना चाहिए।
- दमा व स्वांस , खांसी में रुद्राक्ष घिसकर शहद के साथ चाटने से भी लाभ होता है।स्मरण शक्ति बढ़ाने के लिए रुद्राक्ष व स्वर्णकण कोघिसकर चाटना चाहिए।
- स्वांस नली में बाधा उत्पन्न होती है तो रुद्राक्ष धारण करना चाहिए।
- मधुमेह के रोगियों कोरुद्राक्ष घिसकर तुलसी व जामुन के पत्तो के साथ खाने के उपरांत सेवन करना चाहिए।
- कैंसर पीडि़त रोगियों को यदि रुद्राक्ष की माला पहनाई जाए तो उनकी आयु बढ़ने की संभावना रहती है।
- रुद्राक्ष के दानो को रात में बरतन में जल भरकर उसमे डाल दें सुबह दाने को निकालकर खाली पेट उस जल को पीने से ह्रदय रोग तथा कब्ज गैस आदि में लाभ होता है।
- गर्मियों में रुद्राक्ष किसी भी रूप में अपने पास रखने से लू नही लगती।
- आंखो से कम दिखाई देता हो तो रात्रिमें पानी भरकर रुद्राक्ष गलाना चाहिए भोर में उस पानी को छानकर आंखे धोनी चाहिए इसे आंखो की चमक बढ़ती है
- बांझ स्त्री पुरुषोको दूध में घोलकर रुद्राक्ष पीने से संतान उत्पन्न हो सकती है।
- सेक्स की कमजोरियों को दूर करने के लिए रुद्राक्ष को पानी में डालकरस्नान करना चाहिए।
- भयग्रस्त पालतू गाय , भैंस आदि को यदि रुद्राक्ष की माला पहनकर दूध दुहे तो वे भरपूर मात्रा में दूध देने लगेंगी।
- रुद्राक्ष की चुम्बकीय शक्ति शरीर के कई रोगों को दूर भगाती है। प्यार के दौर में लड़का लड़की भी रुद्राक्ष की माला धारण करें तो उनके दिलों की दूरियां कमकरके प्यार में दरार नही पड़ने देती।