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राष्ट्रपति शासन लगने का क्या होगा असर

496036732_f30f1ee10eदिल्ली :दयाल शर्मा
दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगने  से सांसदों के ऊपर आएगी विकास  एवं समस्याओं का  समाधान कराने की  जिम्मेदारी
दिल्ली में अब तक लग चुका है तीन बार राष्ट्रपति शासन
1956 से 67 के दौरान लगातार 11 वर्ष तक रहा है राष्टपति शासन
दिल्ली में सरकार ना बनने की स्थिति में राष्ट्रपति शासन लगने का सबसे अधिकभार समस्त सातों सांसदों पर पड़ेगा। सरकार का आस्तित्व नहीं होने पर सांसदों के ऊपर विकास कार्य कराने और जनता की समस्याओं का सामधान कराने की जिम्मेदारी आ जाएगी। दिल्ली में तीन बार राष्ट्रपति शासन लगाने के दौरान सांसदों को ही विकास कार्य कराने और जनता की समस्याओं के समाधान की पूरी बागडौर संभालनी पड़ी थी। सांसदों की दिल्ली सरकार के साथ-साथ समस्त विभागों के कामकाज में दखलअंदाजी रहती है।
वर्ष 1990 में राष्ट्रपति शासन लगने के दौरान बाहरी दिल्ली संसदीय क्षेत्र के सांसद रहे चौ. तारीफ सिंह ने अपने सांसदकाल के अनुभव बांटते हुए बताया कि पूरी दिल्ली का विकास करने और लोगों की समस्याएं दूर कराने की जिम्मेदारी सांसदों के ऊपर आ गई थी। उन्हें ही विकास कार्यो को आगे बढ़ाने के लिए अधिकारियों से तालमेल करना पड़ा। इसके अलावा विकास कार्यों की निगरानी भी उन्हें ही करनी पड़ी। जनता की समस्याएं सुनने के लिए भी उन्हें रोजाना कई कई घंटे तक अपने कार्यालय में मौजूद रहना पड़ा।
वर्ष 1983 से 90 तक महानगर पार्षद रहे सुभाष आर्य बताते है कि वर्ष 1990 से 93 तक राष्ट्रपति लगने के दौरान अधिकारी बेलगाम हो गए थे। अधिकारियों ने दिल्ली का विकास करने में कोई विशेष रूचि नहीं ली। उन्होंने मनमाफिक योजनाएं बनाई। विकास, स्वास्थ्य, शिक्षा आदि विभागों के फंड में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई। इतना ही नहीं, विधायक नहीं होने की स्थिति में जनता को अधिकारियों के पास जाना पड़ता है। जहां जनता की कोई सुनवाई नहीं हुई। उन्होंने कहा कि जनता को एक ओर सांसदों तक पहुंचना मुश्किल होता था, वहीं दूसरी ओर सांसद भी रोजाना आनी वाली भारी भीड़ की बातें नहीं सुन पाते थे।
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दिल्ली में तीन बार लग चुका है राष्ट्रपति शासन
दिल्ली में तीन बार करीब 17 वर्ष तक राष्ट्रपति शासन लग चुका है। सबसे पहले वर्ष 1956 में दिल्ली विधानसभा भंग करके राष्ट्रपति शासन लगाया गया था। तब 1967 त· राष्ट्रपति शासन लगा रहा था। उसके बाद वर्ष 1980 में महानगर परिषद भंग करके राष्ट्रपति शासन लगाया था। वर्ष 1983 में महानगर परिषद के चुनाव होने पर राष्ट्रपति शासन हटा था। तीसरी बार वर्ष 1990 से 1993 त· राष्ट्रपति शासन लगाया था। वर्ष 1993 में महानगर परिषद के स्थान पर विधानसभा का गठन हुआ था।

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