National

डीज़ल और पेट्रोल में लगी आग खान बनाना भी हुआ महंगा

lpg_petrol_diesel_domain-b

दिल्ली हलचल
तेल कंपनियों ने शुक्रवार शाम पेट्रोल के दाम 75 पैसे व डीजल के दाम 50 पैसे प्रति लीटर बढाने का ऎलान कर दिया। बढी दरें शुक्रवार आधी रात से लागू हो चुकीं है बढ़ी हुई दरों में वैट की राशि अलग से जुडेगी। हाल ही एलपीजी के बिना सब्सिडी वाले एलपीजी सिलिंडर के दाम 220 रूपए बढाए गए थे।
पेट्रोल के दाम जब भी बढ़ते हैं सरकारों की तिजोरी भरने लगती है. इसका कारण यह है कि पेट्रोल पर केन्द्र और राज्य सरकारों ने जबरजस्त टैक्स थोप रखा है. शुक्रवार मध्य रात्रि से दिल्ली में साधारण पेट्रोल की कीमत 72.43 रुपये प्रति लीटर हो गई गौरतलब है कि उसमें कितना पैसा तेल कंपनियों को जाता है और कितना सरकारों के खजाने में.
तेल कंपनियों ने 116.34 डॉलर प्रति बैरल कच्चा तेल खरीदा. उस समय एक डॉलर 62.02 रुपये का था. एक लीटर कच्चे तेल के शोधन के लिए मार्केटिंग कंपनियों ने 46.19 रुपये खर्च किए. उसने डीलरों से एक्साइज ड्यूटी और वैट लगाकर जो रकम प्रति लीटर चार्ज किया वह है 48.87 रुपये. अब इस पर केन्द्र सरकार की एक और एक्साइज ड्यूटी लगाई जो 9.48 रुपये है. इस राशि में एजुकेशन सेस भी है. अब इस पर दिल्ली में डीलर कमीशन है 2.01 रुपये. राजधानी में इस पेट्रोल पर वैट रुपये है. यानी कुल रकम हुई 72.43 रुपये!

अब आप को मालूम हो गया कि पेट्रोल के दाम कितने कम हैं लेकिन सरकारें किस तरह से महंगे कच्चे तेल का बहाना बनाकर जनता के पॉकेट से पैसे निकलवा रही हैं. जी हां, 46 रुपये 87 पैसे प्रति लीटर बिकने वाला पेट्रोल आप तक आते-आते 72.43 रुपये का हो गया है.

दरअसल पेट्रोल से सबसे ज्यादा कमाई राज्य सरकारों को है और वे अनाप-शनाप दरों पर वैट लगाकर जनता की गाढ़ी कमाई से पैसे ले रही हैं. कुछ राज्यों में तो 35 प्रतिशत तक इस पर वैट है और इसके चलते इसके दाम आसमान छू रहे हैं.

 

Related posts

BJP ने मनाया मदन मोहन मालवीय एवं विवेकानंद जयंती महोत्सव

firstopinion

कश्मीर के हालात के लिए नेहरू ज़िम्मेदार :मोदी

firstopinion

आम आदमी पार्टी कार्यालय में तोड़फोड़

firstopinion