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गजेंद्र मौत केसः कुमार विश्वास ने उकसाया, पोस्टमार्टम में की गई देरी

27_04_2015-27gajendra1aनई दिल्ली, । जंतर-मंतर पर आम आदमी पार्टी (आप) की रैली में राजस्थान के किसान गजेंद्र सिंह की मौत मामले में दिल्ली पुलिस उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, आप नेता कुमार विश्वास, संजय सिंह समेत कई नेताओं व स्वयंसेवकों से पूछताछ की तैयारी में है।

बुधवार को गृह मंत्रालय को सौंपी अपनी रिपोर्ट में पुलिस का कहना है कि गजेंद्र इन लोगों के उकसावे पर ही पेड़ पर खुदकशी का नाटक करने के लिए चढ़े थे। चूक की वजह से पैर फिसल जाने से उनके गले में फंदा कस गया। पेड़ पर चढ़ने से पहले गजेंद्र ने मंच के पास जाकर कुमार विश्वास से लंबी बातचीत भी की थी।

क्राइम ब्रांच को इस प्रकरण में एक चश्मदीद मिला है, उसका बयान दर्ज कर लिया गया है। गजेंद्र के पोस्टमार्टम की अंतिम रिपोर्ट में कहा गया है कि फंदे पर लटकने के कारण ही उनकी मौत हुई। गिरने से कोई हड्डी नहीं टूटी थी। शरीर पर सात जगह खरोंच के निशान थे।

निजी समाचार चैनलों के असंपादित फुटेज से भी कई सुबूत मिले हैं। फुटेज में साफ है जिस वक्त गजेंद्र फंदे पर लटकने का नाटक कर रहे थे, उस समय संजय सिंह मंच पर माइक हाथ में लिए पेड़ की तरफ देखते हुए भाषण दे रहे थे। उनके फंदे से लटकते ही संजय सिंह के चेहरे से हवाइयां उड़ गईं थीं। क्राइम ब्रांच का कहना है कि राजस्थान के दौसा स्थित गजेंद्र के गांव नांगल झामरवाड़ा में उनके परिजनों के बयान दर्ज कर लिए गए हैं। परिजनों ने बताया है कि गजेंद्र रैली में भाग लेने के लिए ही दिल्ली आए थे।

विश्वास ने उकसाया था:

प्रत्यक्षदर्शी पुलिस को जीत सिंह नाम का चश्मदीद मिला है। वह नगर निगम में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी हैं। वेतन नहीं मिलने की वजह से वह 22 अप्रैल को आप की रैली में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से गुहार लगाने गए थे। वह मंच के करीब खड़े थे, इसी दौरान उनकी नजर गजेंद्र पर पड़ी थी। गजेंद्र को कुमार विश्वास ने एक युवक के माध्यम से अपने पास बुलाया। उन्होंने गजेंद्र से काफी देर तक बात की। गजेंद्र को उकसाते हुए कहा कि वह पेड़ पर चढ़कर खुदकुशी का नाटक करें, तभी सरकार का ध्यान किसानों की तरफ जाएगा।

पोस्टमार्टम में हुई थी देरीः

घटना वाले दिन एसडीएम, जामनगर हाउस ने पुलिस से मुलाकात कर गजेंद्र के शव का पोस्टमार्टम रोकने को कहा था। उन्होंने कहा था कि मामले में मजिस्ट्रेट जांच बैठा दी गई है। पुलिस ने जब उनसे आदेश के कागजात दिखाने को कहा तो वे नहीं दिखा पाए। इसलिए पोस्टमार्टम में दो घंटे की देरी हुई थी।

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