नई दिल्ली. कारगिल फतह हिंदू नहीं, मुस्लिम फौजियों ने किया था। सपा नेता आजम खान के इस बयान को पूर्व सपा नेता कमाल फारूकी ने न केवल सेना, बल्कि मुसलमानों का भी अपमान बताया है। उन्होंने कहा, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है, हम ऐसे बयान बर्दाश्त नहीं कर सकते।’ पूर्व सांसद शाहिद शिद्दीकी ने भी आजम के बयान को खारिज करने लायक बताया है। मौलाना खालिद राशिद ने भी कहा है कि सेना और राजनीति का घालमेल करना समाज और शासन के लिए घातक होगा, इसका उदाहरण पाकिस्तान है। उन्होंने कहा कि सेना को राजनीति से परे रखना ही देश के हित में होगा। आजम के बयान पर चुनाव आयोग ने भी एक्शन लिया है और बयान की सीडी तलब की है। जबकि, भाजपा ने आजम के इस बयान के लिए उनकी गिरफ्तारी की मांग की है। टि्वटर पर भी इस बयान के लिए आजम की जबर्दस्त आलोचना हो रही है ।
अक्सर विवादों से घिरे रहने वाले सपा के कद्दावर नेता आजम खान ने मंगलवार को गाजियाबाद में चुनाव प्रचार के आखिरी दिन कहा था, ‘कारगिल की पहाड़ियों को फतह करने वाला कोई हिंदू नहीं था, बल्कि कारगिल की पहाड़ियों को अल्लाह-हो-अकबर की आवाज बुलंद करते हुए फतह करने वाले मुसलमान फौजी थे।