नई दिल्ली। दिल्ली के महाराष्ट्र सदन में शिवसेना के सांसदों ने केटरर के साथ जो बदसलूकी की है उसका खुद शिवसेना के अखबार ‘सामना’ में जमकर बचाव किया गया है। सामना में लिखा गया है। इस तानाशाही के खिलाफ अगर आवाज बुलंद करना अपराध है तो हमारे लोगों ने ये अपराध दिल्ली में किया है। संपादकीय में कहा गया है कि शिवसेना इस घटना पर माफी नहीं मांगेगी।
शिवसेना ने ‘सामना’ लिखा है कि दिल्ली में महाराष्ट्र का अपमान इतिहास रहा है। लेकिन महाराष्ट्र सदन में रह रहे मराठी लोगों को अगर तुच्छ समझने वाले होंगे तो शिवसेना ये अपमान कभी भी बर्दाश्त नहीं करेगी। शिवसेना सांसदों ने नए महाराष्ट्र सदन में बदइंतजामी के खिलाफ बड़े साहस के साथ आवाज उठाई है। ये आक्रोश नहीं ये आंदोलन है।
सामना के संपादक प्रेम शुक्ला का कहना है कि महराष्ट्र सदन में खाने को लेकर सांसद कई दिन से शिकायत कर रहे थे। हमारे सांसदों के साथ विपिन मलिक खराब बर्ताव कर रहे थे। भोजन की क्वालिटी खराब थी। बस राजन विचारे उस लड़के से यही कह रहे थे, वो किस धर्म का है ये राजन विचारे को नहीं पता था। राजन विचारे ने कहा था कि अगर उनके व्यवहार से उस लड़के को किसी तरह की ठेस पहुंची है तो वो खेद प्रकट करते हैं।
आंदोलन अपने अधिकार के लिए है। अच्छी रिहाइश, अच्छा भोजन मिलने के लिए आंदोलन है। लेकिन इसे राजनीतिक रंग देने की कोशिश कर रहे हैं। विपिन शुक्ला को गिरफ्तार करना चाहिए।
गौरतलब है कि शिवसेना सांसदों ने दिल्ली के महाराष्ट्र सदन में खराब खाने की शिकायत करते हुए गुंडों जैसा सलूक किया। एक मुस्लिम कर्मचारी को जबरन रोटी खिलाने की कोशिश की जबकि उसने रोजा रखा हुआ था। 17 जुलाई की इस घटना का वीडियो सामने आने के बाद मामले ने तूल पकड़ लिया। बुधवार को संसद के दोनों सदनों में इस मुद्दे पर जमकर हंगामा हुआ।