दिल्ली हलचल
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने एक निजी चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा है कि मुझे मोदी से टकराव का कोई डर नहीं है। मैंने अपनी दादी और पिता को मरते हुए देखा है। मैं किसी चीज से नहीं डरता हूं। दस साल में पहली बार किसी न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में राहुल ने कहा कि पहले मुझे समझ लीजिए। आपको खुद ही यह जवाब मिल जाएगा कि मैं किससे डरता हूं।यह पूछे जाने पर कि क्या वह कांग्रेस की ओर से प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार नहीं बनकर मोदी से सीधी टक्कर से बच रहे हैं, राहुल ने कहा कि यह सवाल समझने के लिए, आपको कुछ समझना पड़ेगा। राहुल गांधी कौन हैं और फिर इस सवाल का आपको उत्तर मिलेगा कि राहुल गांधी किससे डरते हैं और किससे नहीं। बीजेपी की ओर से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार पर उनका नजरिया पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मुझे लगता है, हम अगले चुनावों में भाजपा को हराएंगे। मैं चुनाव जीतूंगा। मैं तार्किक रूप से आश्वस्त हूं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ‘जंग के लिए तैयार’ है और ‘जीतने वाली’ है। आगामी लोकसभा चुनाव में एक तरह से मोदी के प्रतिद्वंद्वी माने जा रहे राहुल ने कहा कि वह मोदी से डरे हुए नहीं हैं और कांग्रेस भाजपा को परास्त करेगी।
राहुल गांधी ने जवाब में एआईसीसी बैठक में अपने भाषण का संदर्भ देते हुए कहा कि चुनावों से पहले प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करना ‘अपने सांसदों से पूछे बगैर अपना प्रधानमंत्री घोषित करना है और ऐसा संविधान में नहीं लिखा है।’ इस पर, उनसे सवाल किया कि आपने 2009 में ऐसा किया। राहुल ने कहा, नहीं, हमने ऐसा नहीं किया। लेकिन एंकर ने जोर देते हुए कहा कि आपने ऐसा किया था।
राहुल ने जवाब दिया कि वर्ष 2009 में हमारे पास तत्कालीन प्रधानमंत्री थे। प्रधानमंत्री ने चुनाव जीता। सांसदों ने फैसला किया कि प्रधानमंत्री पद पर बने रहेंगे। वह आरटीआई के दायरे में राजनीतिक दलों को लाने के सवालों का टाल गये और उन्होंने कहा कि संसद को यह फैसला करना चाहिए कि अगर राजनीतिक दलों की इस पर सर्वसम्मति है। उन्होंने कहा कि मेरी राय यह है कि ज्यादा खुलापन, बेहतर होगा।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि 2002 में गुजरात दंगे भड़काने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार जिम्मेदार है जबकि कांग्रेस सरकार ने 1984 के सिख विरोधी दंगों को रोकने की कोशिश की थी। हालांकि राहुल ने 84 के दंगों पर कोई अफसोस नहीं जताया।