सोमवार सुबह साढे़ दस बजे तीन एम्बुलेंस के साथ यादव अदालत पहुंचे थे। उन्हें भीड़ भरे रास्ते से अलग सीबीआई स्पेशल जज अमित कुमार सिरोई की अदालत में पेश किया गया। यहां तक की यादव की पैरवी के लिए 6-7 वकील भी अदालत पहुंचे थे। उनकी सरेंडर अर्जी पर सुनवाई के बाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में जेल भेज दिया था।
उल्लेखनीय है कि 13 सितंबर 1992 को गाजियाबाद क्षेत्र के दादरी रोड पर विधायक भाटी अपने समर्थकों के साथ बंद फाटक के खुलने का इंतजार कर रहे थे। इस दौरान एक वाहन में सवार कुछ हथियारबंद बदमाशों ने उन पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दी थी। इस फायरिंग में भाटी व उनके साथी उदय प्रकाश की मौत हो गई थी जबकि कुछ अन्य घायल हुए थे। बाद में डीपी यादव व उनके साथियों का नाम इस मामले में सामने आया था।
पुलिस ने केस में हत्या के दौरान प्रयोग की गई गाड़ी भी बरामद की थी। इस मामले की छानबीन सीबीआई को सौंपे जाने के बाद एजेंसी ने यादव समेत 8 लोगों को दोषी बताया था। इन लोगों के खिलाफ हत्या और उसकी साजिश रचने की चार्जशीट दाखिल की गई थी।