नयी दिल्ली : केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने किसानों को लेकर एक विवादित बयान दिया है. विवादित बयान देने के बाद राधामोहन सिंह पर विपक्ष का हमला शुरू हो गया है. कृषि मंत्री ने राज्यसभा में कहा कि देश में किसानों की मौत की वजह घरेलू समस्या,नशा,बीमारी,दहेज समस्या,प्रेम प्रसंग और नपुंसकता है.कृषि मंत्री के बयान सामने आने के बाद विपक्ष ने केंद्र सरकार और कृषि मंत्री पर हमला तेज कर दिया है.
सरकार ने आज बताया कि कृषि क्षेत्र से जुडे लोगों द्वारा आत्महत्या किए जाने के कारणों में ऋण ग्रस्त होना, फसल न होना या खराब हो जाना, सूखा के अलावा प्रेम प्रसंग, विवाह न होना, बांझपन और नपुंसकता जैसे सामाजिक…आर्थिक एवं निजी कारण भी शामिल हैं.
कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने आज राज्यसभा को यह जानकारी देते हुए बताया कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार, कृषि क्षेत्र से जुडे लोगों के आत्महत्या के कारणों में ऋण ग्रस्त होना, फसल न होना या खराब हो जाना, सूखा आदि तो हैं ही, साथ ही पारिवारिक समस्याएं, बीमारी, नशे की लत, बेरोजगारी, संपत्ति विवाद, व्यवसायिक या रोजगार संबंधी समस्या, प्रेम प्रसंग के मामले, बांझपन एवं नपुंसकता, विवाह न होना या विवाह विच्छेद, दहेज समस्या, सामाजिक प्रतिष्ठा में कमी आदि कारण भी उनकी आत्महत्या से जुडे हैं.
एक प्रश्न के लिखित उत्तर में राधा मोहन सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकडों के अनुसार वर्ष 2012 में कृषि से जुडे 13,754 लोगों ने आत्महत्या की वहीं वर्ष 2013 में 11,772 और 2014 में 5650 लोगों ने आत्महत्या की. वर्ष 2014 में महाराष्ट्र में सर्वाधिक 2568 किसानों ने आत्महत्या की.