एनडी तिवारी ही हैं रोहित शेखर के पिता : हाईकोर्ट

नई दिल्ली,ब्यूरो। वरिष्ठ कांग्रेस नेता एनडी तिवारी ने सार्वजनिक तौर पर भले ही रोहित शेखर को अपना पुत्र स्वीकार किया हो, मगर कानूनी तौर पर वे ऐसा करने से पीछे हटते रहे। यही कारण था कि तिवारी की ओर से लगातार दो दिन तक मामले में कोई भी वकील पेश नहीं हुआ। इसके बाद दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति राजीव सहाय एंडलॉ की खंडपीठ ने रोहित और तिवारी के बीच छह साल से चली आ रही इस कानूनी लड़ाई का अंत रोहित के पक्ष में फैसला सुनाकर कर दिया। अदालत ने कहा कि डीएनए टेस्ट रिपोर्ट और मीडिया में दिए गए तिवारी के बयान से साबित हो गया है कि रोहित उनके ही पुत्र हैं। कांग्रेस नेता को अब उन्हें अपना बेटा सार्वजनिक तौर पर स्वीकार करना ही होगा।

मंगलवार को हाई कोर्ट का फैसला सुनकर वहां मौजूद रोहित की मां उज्ज्वला शर्मा रोने लगीं, जबकि रोहित शांत खड़े रहे। खंडपीठ ने कहा कि अदालत इस मामले में बहुत बार एनडी तिवारी को अपना पक्ष रखने का मौका दे चुकी है मगर वे अदालत में नहीं आए। सार्वजनिक तौर पर रोहित को बेटा स्वीकार करने के बाद भी न तो वह अपनी इस बात को अदालत के सामने रखने के लिए नहीं आए और न ही उनका वकील उपस्थित हुआ। ऐसे में अदालत यह मान रही है कि वह अब इस केस को नहीं लड़ना चाहते हैं। डीएनए रिपोर्ट में पहले ही साबित हो चुका है कि वरिष्ठ कांग्रेस नेता ही रोहित के जैविक पिता हैं। वहीं, मीडिया में उनके द्वारा सार्वजनिक बयान में रोहित को अपना बेटा स्वीकार करना भी अहम है।

गौरतलब है कि सोमवार को अदालत के समक्ष रोहित ने कहा था कि पिछले दिनों ही मीडिया के सामने तिवारी ने उनको अपना बेटा स्वीकार कर लिया था। इस पर अदालत ने कहा था कि वह सिर्फ मीडिया रिपोर्ट के आधार पर कोई फैसला नहीं दे सकती है, इसलिए तिवारी के वकील अदालत के समक्ष पेश होकर अपना पक्ष रखें। सोमवार को वकील के पेश न होने पर अदालत ने मंगलवार को उसे पेश होने का दूसरा मौका दिया था। रोहित ने 2008 में यह याचिका दाखिल की थी।

Related posts

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को मिली जान से मरने की धमकी, बढाई गई सीएम की सुरक्षा

मासूम की इलाज के दौरान मौत,कोरोना की जताई जा रही है आशंका

राजा पर्व मैं दिखेगी उड़िया लोक संस्कृति की झलक