मुंबई.,एजेंसी। महाराष्ट्र विधानसभा में बुधवार को गवर्नर सी. विद्यासागर राव को कांग्रेस और शिवसेना के विधायकों ने सवालों से तंग कर दिया। गवर्नर बुधवार दोपहर बाद जैसे ही विधानसभा भवन पहुंचे वैसे ही विधायकों ने उन्हें घेर लिया और उन पर सवालों की बौछार कर दी। विधायक नारेबाजी करने लगे। कांग्रेस और शिवसेना के विधायक विधानसभा स्पीकर हरिभाऊ बागड़े के उस फैसले की आलोचना कर रहे थे, जिसके तहत बीजेपी सरकार ने ध्वनिमत के जरिए विश्वासमत हासिल किया। विधायक फड़णवीस सरकार को गैर-कानूनी करार देते हुए स्पीकर के फैसले पर सवाल खड़े कर रहे थे। विधायकों ने विश्वास मत पर वोटिंग कराए जाने की मांग की है।
इससे पहले, बीजेपी की नई सरकार ने बुधवार को दोनों परीक्षा पास कर ली। बीजेपी का स्पीकर चुने जाने के बाद देवेंद्र फड़णवीस की अल्पमत सरकार ने विश्वास मत हासिल कर लिया। अब सरकार को छह महीने कोई खतरा नहीं है। बुधवार को विश्वास मत प्रस्ताव बीजेपी के विधायक आशीष शेलार ने महाराष्ट्र विधानसभा में रखा था। एनसीपी ने ध्वनिमत से पहले सदन से वॉकआउट किया। एनसीपी के वॉकआउट करनेे से बीजेपी ने आसानी से विश्वास मत हासिल कर लिया। लेकिन शिवसेना ध्वनिमत में बीजेपी सरकार के प्रस्ताव के खिलाफ रही।शिवसेना ने ध्वनिमत से प्रस्ताव पास किए जाने और मत विभाजन (डिविजन ऑफ वोट) न कराए जाने को लेकर सभापति के आसन के सामने (वेल) में आकर विरोध भी किया। कांग्रेसी विधायक भी विधानभवन के बाहर धरने पर बैठे।
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