रिपोर्ट के अनुसार ट्रस्ट में कुछ और गड़बड़ियां पकड़ी गई हैं, जिस पर हफ्ते भर में ट्रस्ट पर कुछ और मामले भी दायर किए जाएंगे। ट्रस्ट के नाम से जमीनों के कई बेनामी सौदे किए गए हैं।
मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने कहा कि बाबा रामदेव उत्तराखंड में पतंजलि के नाम का दुरुपयोग कर रहे थे। डीएम हरिद्वार ने इसकी जांच के बाद मुकदमे दर्ज करने की कार्रवाई की है। उन्होंने कहा कि इन मामलों में संलिप्त अधिकारियों के खिलाफ भी सरकार कार्रवाई करेगी। बहुगुणा ने बताया कि डीएम को पतंजलि योगपीठ की जमीनों की खरीद, इनके इस्तेमाल और कब्जों को लेकर शिकायतें मिली थीं। उन्होंने इस मामले की जांच के बाद पाया कि पतंजलि योगपीठ ने पिछले कुछ वर्षों में खरीदी गई भूमि में भारी घोटाला किया है। जमीनों को सरकार से जिन कारणों को बताते हुए क्रय किया गया मौके पर वहां कुछ और ही कार्य हो रहे थे। यह नियम और शर्तों का साफ उल्लंघन है।ट्रस्ट पर आरोप है कि पतंजलि यूनिवर्सिटी के लिए औरंगाबाद और तेलीवाला गावों की 387.5 एकड़ जमीन सरकार से ली गई थी, जबकि इसके एक छोटे से भाग में 20 एकड़ में ही विश्वविद्यालय बनाया गया है। अन्य जमीन किसी और मकसद के लिए रखी गई है। आयुर्वेदिक दवाओं के कारखाने के लिए मुस्तफाबाद गांव की 141.17 एकड़ जमीन के अधिग्रहण की मंजूरी ली गई, जबकि उस जमीन पर वेयर हाउस, आटा और तेल आदि के कारखाने लगाए गए हैं, इस प्रकार ट्रस्ट ने मंजूरी की शर्तों का उलंघन किया है।