रक्षा बजट बढ़ा, एफडीआई की सीमा भी 26 से बढ़ाकर 49 %

महंगाई से जूझ रही जनता को राहत पहुंचाते हुए आम बजट में आयकर छूट सीमा दो लाख से बढ़ाकर ढाई लाख रुपये कर दी गई जबकि विभिन्न निवेश पर 80सी के तहत मिलने वाली कर छूट सीमा को 50,000 रुपये बढ़ाकर डेढ लाख रुपये कर दिया गया। हालांकि, कर की दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार का पहला आम बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आवास ऋण के ब्याज पर मिलने वाली कर छूट सीमा को मौजूदा डेढ़ लाख से बढ़ाकर दो लाख रुपये कर दिया। वरिष्ठ नागरिकों के मामले में तीन लाख रुपये तक की सालाना आय को कर मुक्त कर दिया गया है जबकि 80 वर्ष तथा इससे अधिक उम्र के बुजुर्गों की पांच लाख रुपये तक की वार्षिक आय पर कोई कर नहीं लगेगा।

बजट में सिगरेट, तंबाकू, पान मसाला, गुटका और शीतेल पेय पर उत्पाद शुल्क बढ़ने से ये महंगे हो जायेंगे जबकि गरीबों के इस्तेमाल वाला सीआरटी टीवी, 19 इंच से छोटे एलसीडी और एलईडी टेलीविजन पर सीमा शुल्क कटौती से ये सस्ते हो जाएंगे।

घरेलू और विदेशी निवेशकों को प्रोत्साहन का संकेत देते हुए जेटली ने कहा कि आयकर कानून में वर्ष 2012 में पिछली तिथि से किए गए संशोधन के बाद सामने आए तमाम मामलों की एक उच्चस्तरीय समिति द्वारा जांच की जायेगी। इस समिति का गठन केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) द्वारा किया जाएगा। जेटली ने देश में स्थिर और भरोसेमंद कर प्रशासन उपलब्ध कराने का आश्वासन देते हुए कहा कि मुझे उम्मीद है कि देश और विदेश का निवेशक समुदाय हममें फिर से विश्वास जतायेगा और भारत की आर्थिक वृद्धि में बढ़चढ़कर भागीदारी निभाएगा।

प्रत्यक्ष कर संहिता (डीटीसी) के बारे में वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार विभिन्न संबद्ध पक्षों से उनके विचार लेकर इसमें जरूरी सुधार करेगी। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार रक्षा और बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा 49 प्रतिशत तक बढ़ाकर एफडीआई को बढ़ावा देगी जिसमें प्रबंधन और नियंत्रण पूरी तरह से भारतीय हाथों में होगा।

जेटली ने कहा कि प्रत्यक्ष करों के क्षेत्र में उन्होंने जो रियायतें दी हैं उससे 22,200 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान होगा जबकि अप्रत्यक्ष करों के क्षेत्र में किए गए बदलावों से सरकारी खजाने में 7,725 करोड़ रुपये की प्राप्ति होगी।

वित्त वर्ष 2014-15 के लिए कुल 17,94,892 करोड़ रुपये के खर्च के बजट में 12,19,892 करोड़ रुपये गैर-योजना व्यय और 5,75,000 करोड़ रुपये योजना व्यय रहने का अनुमान लगाया गया है। गैर-योजना व्यय में उर्वरक सब्सिडी और सशस्त्र सेनाओं के लिए अतिरिक्त पूंजीगत खर्च शामिल किया गया है। रक्षा क्षेत्र का आवंटन 12.5 प्रतिशत बढ़ाकर 2.29 लाख करोड़ रुपये किया गया है।

बजट में कुल राजस्व प्राप्ति 13,64,524 करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया है जिसमें से केन्द्र सरकार का हिस्सा 9,77,258 करोड़ रुपये होगा। गैर-कर राजस्व प्राप्ति 2,12,505 करोड़ रुपये और उधार को छोड़ पूंजी प्राप्ति 73,952 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है।

चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा 4.1 प्रतिशत और अगले वित्त वर्ष (2015-16) में 3.6 और 2016-17 में 3 प्रतिशत रहने का अनुमान रखा गया है। पिछली सरकार की तरफ इशारा करते हुए जेटली ने कहा कि निर्णय प्रक्रिया में सुस्ती की वजह से कई अवसर हाथ से निकल गए और दो साल तक पांच प्रतिशत से कम आर्थिक वद्धि की वजह से चुनौतीपूर्ण स्थिति बनी है।

जेटली ने कहा कि सरकार ऐसा नीतिगत परिवेश बनाना चाहती है जिसमें वांछित आर्थिक वृद्धि, निम्न मुद्रास्फीति और बाह्य क्षेत्र में दीर्घकालिक संतुलित रख बनाया जा सके।

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