नई दिल्ली: देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की 125वीं जयंती पर आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय अधिवेशन में कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आमंत्रित नहीं किया है।
नेहरू की विरासत और उनके विश्व के प्रति दर्शन पर विचार-विमर्श करने के लिए कांग्रेस की ओर से 17 और 18 नवंबर को दो दिन का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें अनेक अंतरराष्ट्रीय नेता और भारत तथा विदेश से कई राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि शिरकत करेंगे।
कांग्रेस प्रवक्ता आनंद शर्मा ने इस समारोह में मोदी को आमंत्रित करने या नहीं करने के मीडियाकर्मियों के प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा, ‘हमने प्रधानमंत्री को आमंत्रित नहीं किया है। हमने उन सभी को आमंत्रित किया है जो वाकई लोकतंत्र और नेहरू के विचारों में भरोसा रखते हैं।’
रोचक बात यह है कि कांग्रेस ने इस आयोजन के लिए विशेष रूप से शुरू की गई वेबसाइट पर भाजपा के पहले प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा नेहरू की प्रशंसा में कहे गये कथन को जगह दी है।
शर्मा ने कहा, ‘क्या हमने अटल बिहारी वाजपेयी को महत्व नहीं दिया। हम उन सभी लोगों को महत्व दे रहे हैं, जिन्होंने कुछ सार्थक कहा है। एक राजनीतिक दल के तौर पर हमें इस बात का निर्णय लेने की आजादी है कि कौन नेहरू के विचारों का समर्थन करता है।’
सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस भाजपा और उसके सहयोगी दलों के किसी नेता को आयोजन में आमंत्रित नहीं करेगी। कांग्रेस ने मोदी पर आरोप लगाया है कि वह विशेष योजनाएं शुरू करके महात्मा गांधी, सरदार वल्लभभाई पटेल और नेहरू जैसे स्वतंत्रता आंदोलन के नेताओं पर अपना हक जमाने की कोशिश कर रहे हैं और इन नेताओं की विरासत से ध्यान हटाने का प्रयास कर रहे हैं।