नई दिल्ली – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नोटबंदी के ऐलान के बाद दिल्ली पुलिस ने भी अब नोट बदलने की कवायद शुरू कर दी है। करीब चालीस दिनों बाद पुलिसिया महकमों में फाइलें इधर से उधर घूम रही हैं और यह पूरी प्रक्रिया मालखानों में रखी नगदी को रदï्दी बनने से रोकने के लिए है। दरअसल, अपराधियों को पकडक़र दिल्ली पुलिस बेशक जेल भेज देती है, लेकिन उनसे बरामद हुए सामान को ‘केस प्रापर्टी’ मानकर मालखानों में सुरक्षित रख दिया जाता है।
अब प्रधानमंत्री के ऐलान के बाद मालखानों में सुरक्षित पांच सौ व एक हजार के पुराने नोट रदï्दी में तब्दील होने का खतरा हैं, जिसके बाद पुलिस के आला अधिकारियों ने तय किया है कि पूरे जिले में आने वाले सभी मालखानों में रखी नगदी को एकत्रित किया जाए और उक्त जिले के पुलिस उपायुक्त के नाम बैंक खाता खुलवाकर उसमें जमा कर दिया जाए। दिल्ली पुलिस अधिकारियों ने पूरी कवायद की पुष्टिï करते हुए बताया कि नोटबंदी के बाद पुलिस को बैंकों व एटीएम के बाहर तैनात कर दिया गया, लेकिन कुछ दिनों बाद पुलिस अधिकारियों को अपने नगदी की भी चिंता सताने लगी, जो मालखानों में अब तक सुरक्षित है, लेकिन 31 दिसम्बर के बाद वह महज कागज का टुकड़ा हो जाएगा। चूंकि मालखानों में रखे सामान व नगदी न्यायालय की नजर में होते हैं और उनको सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी पुलिस के कंधों पर होती है। इसलिए पुलिस को आनन फानन में पुराने नोटों को बचाने के लिए योजना बनाई और योजना के क्रियान्वयन से पहले होने वाली कागजी प्रक्रिया शुरू कर दी। सूत्र बताते हैं कि दिल्ली पुलिस के लीगल सेल को इस योजना के कानूनी पेंचों को सुलझाने का जिम्मा मिला है, क्योंकि मालखानों में जमा नगदी या अन्य कोई समान बिना अदालत की इजाजत के इधर से उधर नहीं हो सकता। दिल्ली पुलिस अधिकारियों ने बताया कि नियमानुसार, 31 मार्च तक नकदी को सरकार के पास लौटाया जा सकता है, जिसके लिए महज भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को लिखित में जानकारी देनी होगी।