नई दिल्ली,एजेंसी। हिंदुस्तान में धर्मनिरपेक्षता की प्रतीक रही कांग्रेस पर अब उसके सेक्युलर होने को लेकर ही सवाल उठने लगा है। यह सवाल कोई और कांग्रेस के ही सीनियर नेता ए. के. एंटनी ने उठाया है। एंटनी ने कहा कि ऐसा जान पड़ता है कि धर्मनिरपेक्षता के प्रति पार्टी की प्रतिबद्धता में जनता का विश्वास कम हुआ है। उन्होंने कहा कि लोगों के बीच यह धारणा बन गई है कि कांग्रेस में खास समुदाय के लोगों को विशेष तरजीह दी जाती है। लोगों की यह सोच बदलने की कोशिश करनी होगी। गौरतलब है कि कांग्रेस के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह कई मौकों पर यह कह चुके हैं कि इस देश के संसाधन पर सबसे पहले अल्पसंख्यकों का अधिकार है।
कांग्रेस नेता एंटनी ने अपनी ही पार्टी के धर्मनिरपेक्षता के मॉडल पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा, समाज के एक वर्ग को ऐसा लगने लगा है कि कांग्रेस खास समुदाय और संस्थाओं को आगे बढ़ाने का ही काम करती है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ‘सबके लिए समान नीति’ में विश्वास करती है, लेकिन मुझे शंका है कि हमारी नीति और सोच ठीक तरह से कार्यान्वित नहीं हो सके।
कांग्रेस के इस सीनियर नेता ने जनता के मन में बैठी इस धरणा को दूर करने की जरूरत पर जोर दिया। साथ ही एंटनी ने केरल में सांप्रदायिक ताकतों के बढ़ते प्रभाव पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि केरल और हिंदुस्तान दोनों जगहों पर धर्मनिरपेक्षता की जड़ें गहरी हैं।