राजद प्रमुख लालू यादव और पप्पू यादव के बीच विवाद उसी समय से शुरू हो गया था जब पप्पू ने नीतीश कुमार के खिलाफ जीतन राम मांझी का समर्थन किया था। पप्पू का यह भी कहना था कि मांझी को राजद में शामिल किया जाए और उन्हें पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री का उम्मीदवार घोषित किया जाए। लेकिन पप्पू यादव की इस मांग को लालू यादव ने स्वीकार नहीं किया।
इसके साथ ही पप्पू यादव ने लालू से उन्हें अपना उत्तराधिकारी घोषित करने की मांग की थी। यह बात भी लालू को नागवार गुजरी और राजद प्रमुख ने कहा था कि उनका उत्तराधिकारी उनका बेटा ही हो सकता है। पप्पू यादव उनके बेटे नहीं हैं। इस पर पप्पू ने लालू पर वंशवाद करने का आरोप लगाया था। इन सब बातों को देखते हुए इस बात की अटकलें काफी पहले से लगाई जा रही थी कि पप्पू के दिन राजद में गिने चुने हैं।